भादसोडा /(नरेंद्र सेठिया)/ श्री सांवलिया जी मंदिर में जलझूलनी एकादशी के एक दिन पहले गुरुवार को शोभायात्रा निकाली गई। मंदिर समिति ने भक्तों की आस्था का ध्यान रखते हुए लाइव दर्शन की व्यवस्था की। अपने सांवरा सेठ को लाइव देख रहे लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
कोरोना के कारण लगातार दूसरे साल भी श्रद्धालुओं के आने पर रोक है। ऐसे में मंदिर परिसर में ही निकाली गई शोभायात्रा का भक्तों को लाइव दर्शन कराया गया।
मंदिर के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक जलझूलनी एकादशी के एक दिन पहले शोभायात्रा निकाली। हालांकि यह शोभायात्रा मंदिर परिसर में ही निकाली गई लेकिन भक्तों के आस्था का पूरा ध्यान रखते हुए लाइव दर्शन की व्यवस्था भी की गई।
खुशी की बात है कि लाइव दर्शन में भी मंदिर मंडल के लोगों ने उत्साह में कोई कमी नहीं रखी। अपने सांवरा सेठ को लाइव देख लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
ठाकुर जी के बाल रूप को चांदी की पालकी में बैठाया
जिले के मंडफिया स्थित श्री सांवलिया जी मंदिर परिसर में ही शोभायात्रा निकाली गई। दिन में पूजा के बाद ठाकुर जी के बाल रूप पर गुलाल डालकर चांदी की पालकी में बैठाकर बाहर निकाला गया। यही से शोभायात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा में ठाकुर जी को चामुंडा माता मंदिर, यशोदा विहार कॉरिडोर के अंदर से होते सिंहद्वार तक ले जाया गया। फिर कार्यालय गेट से होते हुए मंदिर में विराजित किया गया। इस दौरान ढोल नगाड़ों के साथ ठाकुर जी की शोभायात्रा निकाली गई।
कोरोना से पहले तीन दिन का मेला लगता था
शोभायात्रा में मंदिर बोर्ड चेयरमैन कन्हैया दास वैष्णव, बोर्ड सदस्य भेरू लाल सोनी, मदनलाल, प्रशासनिक अधिकारी कैलाश चंद्र, कैसियर नंदकिशोर टेलर, लेखा अधिकारी विकास कुमार, संजय कुमार मंडोरा, रमेश चंद्र मेघवाल, पुजारी परिवार में द्वारका दास, भैरू दास, चुन्नी दास और भगवान दास सहित सभी अधिकारी और कर्मचारी नाचते-गाते चल रहे थे। इस मौके पर सभी ने एक-दूसरे पर गुलाल डालकर बधाई दी। बता दे कि जलझूलनी एकादशी पर तीन दिन का मेला लगता था। कम से कम यहां तीन राज्यों के लोग आते थे।