जयपुर । शासन सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग डॉ. समित शर्मा ( Government Secretary, Public Health Engineering Department Dr. Samit Sharma ) की अध्यक्षता में मैसर्स वेपकोस लिमिटेड व जन स्वा. अभि. विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। शासन सचिव द्वारा मैसर्स वेपकोस लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में पाई गई कमियों एवं डीपीआर तैयार करने के कार्यों की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त की गई। उन्होंने कन्सलटेंट फर्म को निर्देशित किया कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को विभाग के फील्ड अधिकारियो एवं जन प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श कर शीघ्र प्रस्तुत करें। रिपोर्ट अमृत 2.0 ( Amrit 2.0 Mission ) की गाइडलाइन अनुसार विभाग की नवीनतम बीएसआर दरों के आधार पर अधिकतम एक माह में प्रस्तुत की जाये ताकि मई 2024 में इनकी निविदा आमंत्रित कर कार्य शुरू किया जा सके।
विभाग को अमृत 2.0 मिशन के तहत् 183 नगर पालिकाओं में जल आपूर्ति कार्यों के लिये कार्यकारी एजेंसी नियुक्त किया गया है। रूडसिको द्वारा 181 नगर पालिकाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने हेतु मैसर्स वेपकोस को कन्सलटेंट नियुक्त किया गया है जिनके द्वारा 141 परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है।
बैठक में मैसर्स वेपकोस लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक एच. एस. संधू एवं प्रतिनिधि सागर तथा जन स्वा. अभि. विभाग के मुख्य अभियंता (शहरी एवं एन. आर. डब्ल्यू.) राकेश लुहाड़िया, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (शहरी) जगत तिवाड़ी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर क्षेत्र द्वितीय अमिताभ शर्मा उपस्थित रहे। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में फील्ड अधिकारियों द्वारा उल्लेखित कमियों से कन्सलटेंट को अवगत कराया गया जिसके मद्देनजर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को फील्ड की वास्तविक परिस्थितियों के अनुसार संशोधित किया जाना आवश्यक बताया गया।
उल्लेखनीय है कि स्वायत शासन विभाग की एजेंसी रूडसिको को जन स्वा. अभि. विभाग द्वारा अमृत 2.0 मिशन के तहत् 183 नगर पालिकाओं में जल आपूर्ति कार्यों के लिये कार्यकारी एजेंसी नियुक्त किया गया है। रूडसिको द्वारा 181 नगर पालिकाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने हेतु मैसर्स वेपकोस को कन्सलटेंट नियुक्त किया गया है जिनके द्वारा 141 परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है।
भारत सरकार द्वारा अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत 2.0) योजना की शुरुआत की गई है जिसके अंतर्गत सभी शहरी निकायों में जलप्रदाय योजनाओं द्वारा सभी घरों को वर्ष 2025-26 तक ’’हर घर जल’’ द्वारा पेयजल उपलब्ध कराया जाना लक्षित है।