जयपुर/ राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर अब चंद महीने बचे हैं और प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा तथा कांग्रेस चुनाव की तैयारी में पूरी तरह से कमर कस के लग चुके हैं सत्ता पक्ष कांग्रेस जहां वापस एक बार फिर से सत्ता अपने हाथ में ही रखने के लिए आतुर है ।
वहीं भाजपा कांग्रेस से सत्ता थी सत्ता के गलियारे तक जाने के लिए बेताब है सत्ता की कुर्सी किसको मिलेगी यह तो चुनाव और उसके बाद परिणाम के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा । लेकिन विधानसभा चुनाव को लेकर यह जरूर स्पष्ट है कि आचार संहिता अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में लग सकती है ?
राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीखों को लेकर देश के चुनाव आयोग और प्रदेश के निर्वाचन विभाग के बीच लगातार बैठकें हो रही है और आचार संहिता तथा चुनाव से पहले 21 अगस्त से लेकर 4 अक्टूबर के बीच मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा 4 अक्टूबर तक अंतिम रूप से मतदाता सूची जारी की जाएगी ।
चुनाव आयोग स्पेशल समरी डिवीजन ऑफ वोटर सूची ( एसएसआर) के लिए 4 अक्टूबर की दिनांक तय कर चुका है 2018 के विधानसभा चुनाव में एसएसआर की दिनांक 27 सितंबर थी और चुनाव आचार संहिता इसके ठीक 9 दिन बाद 6 अक्टूबर 2018 को लागू हुई थी ।
लेकिन इस बार एसएसआर की दिनांक 4 अक्टूबर तक तय की गई है ऐसी स्थिति में विशेषज्ञ का मानना है कि इस बार आचारसंहिता 4 अक्टूबर से लेकर 15 अक्टूबर के बीच लग सकती है उनका तो यह भी मानना है कि आचार संहिता 15 अक्टूबर से पहले लग जाएगी आयोग आचार संहिता और चुनाव की तारीखों को लेकर मंथन कर रहा है ।
गहलोत सरकार के पास काम करने के लिए अब बचे हैं 75 दिन
अगर आचार संहिता 15 अक्टूबर से पहले अर्थात 10 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच लगती है तो वर्तमान सरकार के पास अब काम करने के लिए मात्र 75 दिन बच्चे हैं इन पिक्चर पर दिन में सरकार अपनी घोषित की गई योजनाओं को जल्दी से जल्दी क्रियान्वित्ती करें ऐसे प्रयास वर्तमान गहलोत सरकार के रहेंगे और ऐसा देखने में भी आ रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार ताबड़तोड़ घोषणाओं को अमली जामा पहनाने में लगी हुई है