जयपुर/ राजस्थान के सरकारी स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही छात्रों की पिटाई और के बाद अब दलित छात्राओं द्वारा मिड डे मील में खाना परोसने पर खाना फेंकने की घटना सामने आई है इस मामले में पुलिस ने स्कूल में मिड डे मील बनाने वाले अर्थात को को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन विभाग ने इस सब के लिए जिम्मेदार प्रिंसिपल के खिलाफ न तो कोई कार्यवाही की और ना ही उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज कराया आखिर क्यों बताया जा रहा है प्रिंसिपल को ?
घटना राजस्थान के जिलों की नगरी उदयपुर के गोगुंदा थाना क्षेत्र के भरोडी गांव में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में सरकार की योजना स्कूलों में पोषाहार वितरण अर्थात मिड डे मील के तहत बच्चों को खाना हमेशा अन्य बच्चे पर होते हैं लेकिन कल स्कूल की कक्षा 7 की छात्रा छात्रा डिंपल मेघवाल (13 ) और कुक्षा 8 नीमा मेघवाल(14) ने स्कूल में मिड डे मील के तहत बच्चों को दाल और रोटी परोसी इन दोनों को दाल रोटी परोसते देख स्कूल का पोषाहार बनाने वाला कुक लालू राम गुर्जर आक्रोशित हो गया और भेदभाव करते हुए अन्य छात्र जो खाना खाने बैठे हुए थे.
उनको कहा कि यह नीची जाति की है इनके हाथ का परोसा खाना तुम क्यों खा रहे हो खाना फेंक दो इस पर बच्चों ने खाना कचरे में फेंक दिया कुक लालू राम गुर्जर ने डिंपल और नीमा को गाली गलौज करते हुए दुर्व्यवहार किया इस घटना से स्कूल में हंगामा हो गया और कुछ ग्रामीण भी स्कूल में पहुंच गए तथा इस घटना का विरोध करते हुए.
कुछ की शिकायत मिड डे मील के प्रभारी और स्कूल के प्रिंसिपल शिवलाल शर्मा से की स्थानीय शिक्षकों को से भी की प्रिंसिपल ने लालू राम के इस घटना और व्यवहार को को गलत ठहराया इधर इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और शिकायत पर लालू राम गुर्जर को एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया.
आखिर प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं ?
किसी भी सरकारी स्कूल का प्रिंसिपल स्कूल में होने वाले हर गतिविधि और घटना के लिए जिम्मेदार होता है और उसका दायित्व होता है कि वह घटना को रोके जब प्रिंसिपल शिव लाल शर्मा जो स्वयं मिड डे मील के प्रभारी हैं उनके सामने लालू राम के कहने पर जो कि एक निजी कुक होता है जिसे 1000 से 12 सो रुपए सरकार द्वारा निर्धारित मजदूरी दी जाती है । वह प्रिंसिपल के सामने बच्चों से कहता है कि खाना फेंक दो और बच्चे खाना फेंक रहे हैं .
लेकिन प्रिंसिपल ने ऐसा करने से बच्चों को क्यों नहीं रोका ? और क्यों नहीं बच्चों को समझाया कि वे ऐसा नहीं करें ? और क्यों नहीं बच्चों के सामने प्रिंसिपल ने लालू राम गुर्जर को डांटा फटकारा ? आखिर प्रिंसिपल भी इस घटना के लिए जिम्मेदार है ? अपराध करने वाला और अपराध होते हुए देखने वाला और उसे नहीं रोकने पर वे स्वयं भी जिम्मेदार होता है तो फिर प्रिंसिपल शिव लाल शर्मा के खिलाफ विभाग की ओर से क्यों नहीं कार्यवाही की गई ऐसे कई सवाल हैं जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बने हुए हैं ?