जयपुर। आपने एक कहावत सुनी होगी घर का भेदी लंका ढहाए ।। यह कहावत त्रेता युग में राम राज्य के दौरान बनी थी जब लंका के राजा रावण के भाई विभीषण ने ही अपने भाई का भगवान राम को भेद बता कर उसका अंत कराया था इसी तरह राजस्थान में कांग्रेस के गहलोत शासन में उनके निकटतम और खास सिपेसालार उनका निजी सचिव गहलोत की लंका ढहाने में लगा हुआ है ।।
राजस्थान में कांग्रेस शासन के दौरान गहलोत सरकार के समय हुए पेपर लीक मामले में पूरे देश में राजस्थान को शर्मसार कर दिया था और लाखों युवाओं के भविष्य पर कुठाराघात किया था । पेपर लीक का यह मुद्दा राजस्थान विधानसभा के चुनाव में भी खूब छाया रहा और इसी के कारण कांग्रेस की सरकार सत्ता से बाहर हुई और अब लोकसभा चुनाव में भी यह मुद्दा छाया हुआ है राजस्थान में भाजपा की सरकार आते ही पेपर लीक मामले में एसआईटी टीम का गठन किया गया और इस टीम ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए अब तक की से अधिक गिरफ्तारियां कर काफी खुलासा कर दिया है और इसी कड़ी में पेपर लीक प्रकरण को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निजी सचिव ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने अपने ही आका अशोक गहलोत की अपने सोशल मीडिया अकाउंट एकस(X) हैंडल पर पोल खोलते हुए सनसनीखेज खुलासा कर राजनीति के गलियारे में जबरदस्त खलबली पैदा कर दी है और लोकसभा चुनाव में जोर का धमाका किया है।

गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने अपने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, “अपने नौजवान पुत्र का भविष्य संवारने और सुनिश्चत करने में जी-जान से लगे पूर्व मुख्यमंत्री जी ने काश प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य की भी चिंता की होती। प्रदेश में पेपर लीक का मुद्दा हावी है और विधानसभा चुनावों में इसी मुद्दे पर हमें युवाओं की बड़ी भारी नाराज़गी झेलनी पड़ी थी l
लोकेश शर्मा ने आगे लिखा कि रीट पेपर लीक मामले में भी युवाओं के भविष्य के साथ बड़ा खिलवाड़ हुआ… रीट पेपर लीक मामले में जब दबाव बढ़ा तो एक्शन की बात करते हुए मीडिया मैनेज करने के लिए कहा गया…”
भारी मन से चेयरमैन को किया गया था बर्खास्त

लोकेश शर्मा ने आगे लिखा कि आपस में चर्चा हुई कि जारोली ‘अपना ही आदमी है बेचारा, अपन ने ही तो बनाया है’ उसके ऊपर कार्रवाई को लेकर कौनसा शब्द प्रयोग में लिया जाए इसे लेकर बड़ी पशोपेश थी। आखिर में बड़े भारी मन से चेयरमैन के लिए बर्खास्तगी शब्द का उपयोग लिया गया l
उधर जारोली ने कहा कि पेपर लीक राजनीतिक संरक्षण में हुआ। मिलीभगत ही थी कि प्रदेश के युवाओं की उम्मीदें धराशायी हो गई। बड़ा मामला था लेकिन अपना आदमी है के चक्कर में सबकुछ दबा दिया जिनके साथ धोखा हुआ उन युवाओं के भविष्य को संवारने और सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी कौन लेगा।।