जयपुर/ राजस्थान में कांग्रेसमें सियासी संकट के बादल छठे भी नहीं है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें फिलहाल कमी नहीं है लेकिन इससे पहले ही उनके पुत्र वैभव गेहलोत की मुश्किलें बढ़ गई है उनका कार्यकाल जहां समाप्त हो गया है वही अब उनकी कुर्सी को लेकर भी खतरा मंडराने लगा है जबकि हाईकोर्ट के दखल से पूर्व उनका एक बार फिर से राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष बनना लगभग तय था।
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन(RCA) के अध्यक्ष का कार्यकाल कल 3 अक्टूबर को समाप्त हो गया है और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव को लेकर हाईकोर्ट द्वारा रोग लगा देना तथा अगली सुनवाई अब 11 अक्टूबर को होगी लेकिन उससे पहले अब राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के एक बार फिर से अध्यक्ष बनने को लेकर संशय हो गया है ।
विदित है कि, राज्य सरकार की ओर से नए जिलों के गठन को लेकर बनाई गई हाई पावर कमेटी के पूर्व IAS रामलुभाया अध्यक्ष हैं तथा रामलुभाया राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। इस आधार पर नान्दू गुट ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद कोर्ट ने आदेश देते हुए 11 अक्टूबर तक आरसीए के चुनाव पर रोक लगा दी ।
नांदु गुट ने कोर्ट में कहा कि, ‘रामलुभाया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को लाभ पहुंचाएंगे ऐसे में निष्पक्ष चुनाव अधिकारी के नियुक्त होने तक चुनाव इस चुनाव को स्थगित किए जाएं.’ इस दलील को देखते हुए हाईकोर्ट ने RCA चुनाव पर रोक लगा दी है । सूत्रो के अनुसार दौसा, नागौर, गंगानगर और अलवर के जिला क्रिकेट संघों (डीसीए) द्वारा कोर्ट याचिका दायर की गई थी ।
सूत्रों का कहना है कि हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद RCA अध्यक्ष वैभव गहलोत गुट के प्रतिद्वंदी और पूर्व राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव राजेन्द्र सिंह नान्दू अब पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं और माना ये भी जा रहा है कि नान्दू ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव को लेकर जो घटनाक्रम चल रहा है।
उसकी जानकारी बीसीसीआई को दी है और उन्होंने बीसीसीआई से ये गुजारिश की है कि 3 अक्टूबर के बाद बीसीसीआई अपना एक कन्वीनर आरसीए में नियुक्त करें ताकि क्रिकेट से जुड़े कार्य प्रभावित नहीं हों ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव नहीं होने तक एक बार फिर RCA की स्थिति पहले की तरह ही हो जायेगी।
सूत्रो के मुताबिक चुनाव ना होने की स्थिति में बीसीसीआई एडहॉक कमेटी का गठन कर सकती है या फिर अपना एक कन्वीनर आरसीए में नियुक्त कर सकती है जिसके बाद राजस्थान की क्रिकेट का संचालन बीसीसीआई के हाथों में पहुंच जाएगा और इसका सीधा असर पूर्व RCA अध्यक्ष सीपी जोशी गुट को लग सकता है।
क्योंकि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के मौजूदा अध्यक्ष वैभव गहलोत कह चुके हैं कि इस बार होने वाले चुनाव विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के बैनर के तले लड़ा जा रहा था लेकिन ऐन वक्त पर कोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी है ।