जयपुर। राजस्थान में राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा सहित अन्य परीक्षाओं में डमी परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा देने वालों का खुलासा हो रहा है और पूरे प्रदेश में ही नहीं देश में यह मामला अभी सुर्खियों में बना हुआ है लेकिन इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश में तैनात एक आईएएस अधिकारी को 9 साल पहले डमी परीक्षार्थी बनकर बैंक की परीक्षा देने के मामले में कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई है और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंटी जारी किया है। यह संभवता देश का पहला मामला है जब किसी आईएएस अधिकारी को डमी परीक्षार्थी बनाकर परीक्षा देने के मामले में दोषी करार देते हुए सजा सुना आई गई हो ।
मामला उत्तर प्रदेश का है और यह आईएएस अधिकारी हैं 2019 वेज के नवीन तंवर । नयनतारा वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के चांपा जिले में तैनात हैं। साल 2014 में दिसंबर 13 को इंस्टीट्यूट आफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन (IBPS) कलर की भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी इस परीक्षा में उत्तर प्रदेश के नोएडा के रहने वाले नवीन तंवर गाजियाबाद स्थित आइडियल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी में क्लर्क भर्ती परीक्षा देने के लिए गए थे ।
तब सीबीआई ने बैंक कलर की परीक्षा में डमी अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा देने की शिकायत मिलने पर सीबीआई की टीम परीक्षा केदो पर पहुंची और जांच की तो नवीन तंवर और सावन कुमार नाम के युवक अमित सिंह और अजय पाल सिंह के स्थान पर परीक्षा देते हुए पाए गए थे तब इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था इस दौरान सीबीआई को जांच पड़ताल के बाद यह भी पता चला कि सुग्रीव गुर्जर और हनुमत गुर्जर नाम के दो परीक्षार्थियों को हल किए हुए पेपर भी उपलब्ध कराए गए थे नवीनतम और सावन गुर्जर की बात में कोर्ट से जमानत हो गई थी ।
जब 2014 में नवीन तमर ने डमी परीक्षार्थी बनकर किसी दूसरे के स्थान पर परीक्षा दी थी तब स्वयं सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे और 2019 में संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की ओर उनका आईएएस (IAS)में चयन हुआ था कुरकुरी 10 महीने पहले ही उन्हें हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के उप मंडल भरमौर में अतिरिक्त उपायुक्त एवं सह परियोजना निदेशक जिला ग्रामीण विकास एजेंसी डीआरडीए के पद पर लगाए गया था और इससे पहले उपमंडल अधिकारी नागरिक के पद पर कांगड़ा और चंबा में रह चुके थे।
सीबीआई कोर्ट ने आईएएस अधिकारी नवीन तंवर और सावन कुमार सहित पांच लोगों को सबूत और गवाहों के बयान के आधार पर दोषी माना और 3 साल की सजा ₹10000 का आर्थिक दंड लगाया और कोर्ट ने सजा के खिलाफ अपील के लिए एक माह की जमानत दी कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के दौरान आईएएस अधिकारी नवीन तंवर कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए इस पर कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया।