जयपुर। भाजपा विधायक की कंपनी गरिमा रियल एस्टेट एंड एलाइड लिमिटेड और गरिमा होम्स एंड फार्म हाउस लिमिटेड ने वर्ष 2010 से 2016 के बीच भागलपुर में राशि दोगुनी करने के नाम पर साढ़े बारह करोड़ लिए थे। लेकिन लोगों की जमा राशि को वापस करने की बजाय पूर्व कंपनी बंद कर उसके संचालक रातोंरात लोगों की राशि लेकर भाग गए थे। धौलपुर के पूर्व बीएसपी विधायक बीएल कुशवाह इस मामले में मुख्य आरोपी रहा है। विधायक शोभारानी कुशवाह के खिलाफ बिहार की भागलपुर कोर्ट ने वांरट जारी किया है। साढ़े बारह करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े में शोभारानी के खिलाफ यह वारंट 15 जनवरी को जारी समन के बाद भी कोर्ट में अपना पक्ष नहीं रखने के बाद जारी किया गया है। विधायक समेत आठ के खिलाफ एसीजेएम की अदालत ने वारंट जारी किया है। शोभारानी के अलावा उनके पति बनवारी लाल, उनके भाई शिवराम कुशवाह,बालकिशन कुशवाहा, भीम कुशवाह, राजेंद्र राजपूत और लज्जाराम के खिलाफ हाल ही में वारंट निर्गत करने का आदेश दिया गया था।
गोरतलब है कि विधायक पति बनवारी लाल हत्या के जुर्म में वो उम्रकैद काट रहे है। इस सजा के बाद धौलपुर सीट पर हुए उपचुनाव में पति के स्थान पर शोभारानी कुशवाह ने बीजेपी से चुनाव लड़ा और चुनाव में जीत हासिल कर विधायक बन गई। शोभारानी भी गरिमा रियल एस्टेट एंड एलाइड लिमिटेड और गरिमा होम्स एंड फार्म हाउस लिमिटेड के निदेशक मंडल में पति और अन्य रिश्तेदारों के साथ हैं। शोभारानी का पति बीएल कुशवाह 2012 में हुई एक हत्या में भी दोषी पाया गया। कोर्ट ने दिसंबर, 2016 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई जिसके बाद से वह जेल में बंद है।