जयपुर
मुख्यमंत्री पद के दावेदार और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट अब जन नेता बनने के लिए प्रदेश के दौरे पर निकल गए हैं। पायलट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की तर्ज पर हर शहर में जाकर जन सुनवाई कर रहे हैं तथा लोगों से सीधा संपर्क बनाने के प्रयास में है। इसी क्रम में कुछ दिन पहले उन्होंने टोंक में जनसुनवाई की जहां सैकड़ों लोगों ने उनके समक्ष अपना दुख व्यक्त की किया।
अब पायलट सिरोही जालौर और पाली के दौरे पर है और इसी क्रम में उन्होंने रविवार को सिरोही और जालौर में जनसुनवाई की। शाम को वे जालौर के काजल का गांव पहुंचे और वहां के किसान जय किशन के निवास पर रात्रि विश्राम किया
आपको बता दे की पायलट चुनाव से पहले भी यहां आए थे और जयकिशन के घर पर ही रुके थे। उन्होंने चुनाव जीतने पर जय किशन के पास दोबारा आने का वादा भी किया था। अब पायलट प्रदेश के उपमुख्यमंत्री है और सत्ता में है तो वह अपना वादा पूरा कर रहे हैं।
पायलट किसान के यहां जाने से राजनीतिक विश्लेषक अनुमान लगाने में जुट गए हैं कि पायलट स्वयं को जमीनी स्तर का नेता बताने के लिए यह सब कुछ कर रहे हैं पायलट की छवि अब तक जमीनी नेता की नहीं बन पाई है। सोमवार को भी पायलट ने जालौर और हाल ही में लोगों से मिलकर जनसुनवाई की तथा अधिकारियों को मौके पर ही निर्देश देकर उनके काम करवाएं एकाएक पायलट की सक्रियता ने विरोधी गुट के कान खड़े कर दिए है।
पायलट काे खेत पर ही केर, सांगरी की सब्जी, छाछ की राबड़ी व बाजरे की रोटी खिलाई गई। अफसराें, नेताओं के लिए भी खेत पर ही ठहरने की सुविधा की गई।
पायलट ने बता दिया कि वो जमीन स्थर के नेता हैं और किसानों से उनका सीधा जुड़ाव हैं उनका खेत पर रात्रि विश्राम का मकसद ये था कि वो किसानों के बीच मे रहकर उनकी जन समस्याओं को जान सके ।और ये पता लगा सके कि एक किसान 50 डिग्री तापमान पर कैसे अपनी जिंदगी जीता है।