जयपुर/ राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर अब चंद दिन ही बचे हैं और ऐसे समय में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राहुल गांधी के एक ऐलान में राजस्थान कांग्रेस में खलबली मचा दी है । अब कांग्रेस के नेता सोच में पड़ गए हैं कि क्या करें ? किसके पास जाएं ? किससे मांगे ? कौन देगा? और कौन करेगा निर्णय ?
राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर अब मात्र चंद्र दिन बचे हैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित पूरी कांग्रेस तथा कांग्रेस आलाकमान पूरी तरह से चुनावी मोड पर आ गया है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ताबड़तोड़ जनकल्याणकारी योजनाओं की घोषणाएं कर उनको क्रियान्वित करने में लगे हुए हैं।
ताकि प्रदेश के मतदाताओं को रिझा सके और इसका फायदा चुनाव में कांग्रेस को मिले और कांग्रेस वापस सत्ता में वापसी करें और हर 5 साल में राजस्थान में सरकार बदलने की परंपरा को तोड़े।
चुनाव को लेकर अलग-अलग कुछ कमेटियां अभी बना दी गई है और कुछ कमेटियों की घोषणा होना अभी बाकी है तथा कांग्रेस द्वारा हर विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग सर्वे भी कराया जा चुका है तथा वर्तमान विधायकों और हारे हुए।
विधायकों का रिपोर्ट कार्ड भी परखा गया है। इन सब के बीच कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा अलग से कराए जा रहे सर्वे से प्रदेश में जमीनी स्तर तक कार्यकर्ताओं में संदेश गया है कि प्रदेश में चुनाव में टिकट वितरण में राहुल गांधी की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी केवल अशोक गहलोत अकेले ही टिकट वितरण में भूमिका नहीं निभा पाएंगे।
राहुल गांधी के इस सर्वे को टिकट वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका के संदेश ने राजस्थान के नेताओं और प्रदेश कांग्रेस में खलबली मचा दी है ।
एक और तो पहले से ही सचिन पायलट और अशोक गहलोत का मुद्दा आंतरिक रूप से अभी भी जारी है ऐसे में राहुल गांधी के सर्वे और टिकट वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका ने राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति में उबाल ला दिया है।
ऐसे में प्रदेश में कांग्रेस के टिकट चाहने वाले नेता राहुल गांधी द्वारा कराए जा रहे सर्वे की टीम को तलाश रहे हैं कि वह कहां है उस टीम में कौन-कौन शामिल है ताकि उनसे मिला जाए लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि राजस्थान में टिकट वितरण में किन-किन की भूमिका रहेगी।
इसको लेकर राजस्थान में कांग्रेस के नेता गण और टिकट चाहने वाले संशय की स्थिति मे है आखिर टिकट कौन वितरण करेगा ? वह किसके पास जाएंगे ? किसको टिकट मिलेगा यह निर्णय कौन करेगा ? दबी जुबान में कांग्रेस के कुछ नेता प्रदेश में इस तरह के चल रहे वातावरण को लेकर कह रहे हैं इन कारणों के कारण कांग्रेस जीती हुई।
बाजी हार सकती है ? उधर दूसरी और राजस्थान के विजेंद्र सिंह रंधावा सह प्रभारी अमृता धवन, वीरेंद्र सिंह राठौड़ और काजी निजामुद्दीन के आवासों पर भी चाहने वाले कांग्रेसी नेताओं का तांता लगा हुआ है ।