बिजली की छीजत रोकने में लगा बिजली विभाग

Dr. CHETAN THATHERA
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Jhunjunu News। सरकारी बिजली कंपनी अजमेर डिस्कॉम द्वारा जिले में बिजली की बढ़ती छीजत को कम करने के लिए कवायद प्रारंभ की जा रही है। इसके लिए जिले के सभी विद्युत कार्यालयों में शिविर लगाए जा रहे हैं। जहां किसान अपने ट्यूबवेल का स्वेच्छा से लोड बढ़वा सकता है। जिले में भूजल तेजी से कम हो रहा है। जिस कारण किसान अपने खेत में लगे ट्यूबवेल में निर्धारित से अधिक पावर की मोटर लगा रहे हैं। जिन किसानों के खेतों में मीटर से बिजली की रीडिंग ली जाती है उन पर तो बिजली के बढ़े हुए भार से बिलिंग हो जाती है। लेकिन जिले में करीब 17 हजार किसानों के कुओं पर फ्लेट रेट से बिलिंग होती है। जहां ज्यादा पावर की मोटर लगाने से डिस्कॉम को नुकसान हो रहा है। इस कारण अजमेर डिस्कॉम किसानों के लिए स्वेच्छिक बिजली भार बढ़ाने की योजना शुरू की है। इसमें जो किसान बिजली भार बढ़ोतरी के लिए आवेदन करता है उससे पेनल्टी नहीं ली जाएगी।


झुंझुनू जिला डार्क जोन में शामिल है। जिले में कृषि भार बढ़ाने को लेकर अक्सर बिजली विभाग के अधिकारियों व किसानों में गतिरोध बना रहता है। बिजली विभाग के अधिकारियों पर अक्सर आरोप लगता है कि वो किसान के खेत में जाए बगैर ऑफिस में बैठकर ही विद्युत भार बढ़ा देते हैं। कई बार विजिलेंस टीम भी निर्धारित से अधिक विद्युत भार होने पर वीसीआर भरकर पेनल्टी वसूल करती है। इस कारण किसानों व बिजली विभाग में विवाद बना रहता है।


अजमेर डिस्कॉम की ओर से चलाए जा रहे विद्युत भार बढ़ाने के अभियान में किसानों से महज 30 रुपये प्रति एचपी प्रतिमाह की दर से 2 माह के लिए धरोहर राशि जमा करवा कर भार बढ़ाया जा रहा है। किसान अक्सर अपने कुुुएंं का लोड नहीं बढ़वाना चाहते हैं। क्योंकि लोड बढ़ने पर उनके बिल में उनको अधिक राशि चुकानी पड़ती है। अभी 10 एचपी के ट्यूबवेल पर 2300 रुपये का बिल आता है। जबकि 5 एचपी का लोड बढ़ाकर 15 एचपी होने पर यह बिल 3300 रुपये हो जाता है। अधिक राशि का भुगतान होने के कारण किसान अपने कुुुएं का लोड नहीं बढ़वाना चाहता है।


हिन्दुस्थान समाचार

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम