Jhunjunu News। कोरोना के कारण आपदा को अवसर बनाने वाले कई लोग सामने आए है। लेकिन इनमें हनुमान भक्त भी कहीं पीछे नहीं हैं। अब झुंझुनू जिले के पिलानी में महावीर मंडल का संचालन करने वाले हनुमान भक्त भी हाईटेक हो गए है और उनकी भक्ति भी कहीं ना कहीं तकनीकी सहयोग के सहारे विदेशों तक पहुंचने लगी है। पिछले 38 सालों में से 37 सालों तक जगह- जगह जाकर हनुमान भक्तों को इकट्ठा कर हर शनिवार को संगीतमयी सुंदरकांड करने वाले महावीर मंडल ने कोरोना काल में भी अपना यह प्रण नहीं रोका और आनलाइन सुंदरकांड करवाकर हजारों लोगों को इसमें शामिल किया है।
हाईटेक हुए हनुमान भक्त और भक्ति

आपदा को अवसर बनाते हुए हाईटेक हुए हनुमान भक्त और भक्ति की यह शानदार तस्वीर पिलानी में देखने को मिली। मौका था पिलानी में संचालित महावीर मंडल के 37वें वार्षिकोत्सव का। यह आयोजन पिलानी के गुलाबराय स्मृति भवन गेस्ट हाउस में आयोजित किया गया।
महावीर मंडल के संयोजक और हनुमानभक्त नरेश मनीरामका ने बताया कि महावीर मंडल के 38 साल पूरे होने पर 37वां वार्षिकोत्सव कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए सरकारी नियम कायदों के साथ मनाया गया। जिसमें 50- 60 से अधिक मंडल के सदस्यों के अलावा किसी को शामिल नहीं किया गया। यह मंडल का लगातार 2005 वां संगीतमयी सुंदरकांड था। इससे पहले देश के कोने कोने में यह आयोजन बीते 37 सालों में हुआ। इस बार कोरोना के चलते पिलानी और पास पड़ौस के अलावा कहीं पर आयोजन नहीं हो सके। लेकिन इससे पहले जम्मू से लेकर कन्याकुमारी तक ना केवल सुंदरकांड के पाठ किए गए। बल्कि बड़ी संख्या में लोगों को इसमें शामिल भी किया गया।
महावीर मंडल पिलानी के संयोजक नरेश मनीरामका बताते है कि कोरोना काल में जब पुलिसवाले घर से बाहर निकलते ही डंडे मारते थे। तब भी उन्होंने अपने पिता द्वारा लिया गया यह प्रण नहीं छोड़ा। उन्होंने अपने घर या फिर घर के पास पड़ौस में अन्य सदस्यों के साथ हर शनिवार को सुंदरकांड का पाठ किया। लेकिन इसमें अन्य हनुमानभक्तों को आनलाइन जोड़कर इस प्रण को बरकरार रखा। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अब हर शनिवार को होने वाला उनका आयोजन लाइव होता है। सुंदरकांड करने वाले पांच- सात सदस्य ही होते है। लेकिन इस आयोजन को लाइव करने के बाद हजारों की संख्या में लोग इस आयोजन में जुड़ जाते है और सुंदरकांड का आनंद प्राप्त करते हैं। यही नहीं पहले उनके द्वारा किए जाने वाले सुंदरकांड के लिए वे देश के कोने- कोने में जाते थे। लेकिन विदेशों में मौजूद हनुमानभक्त की तरफ से भी अब उनके पास आमंत्रण आ रहे है। लेकिन कोरोना के चले जाने के बाद ही वे विदेशों में जाकर भी राम नाम और हनुमान का गुणगान करेंगे।
महावीर मंडल के सक्रिय सहयोगी और मंडल को इस नई थीम में ले जाने के लिए कोशिश करने वाले प्रकाश पारीक ने बताया कि कोरोना काल ने हमें सिखाया कि किस तरह हम बिना किसी को एक साथ बुलाए हजारों लोगों तक इस गुणगान को पहुंचा सकते है। इसलिए उन्होंने तकनीक का साथ लेते हुए इस कोरोना काल में भी ना केवल सुंदरकांड को चालू रखा, बल्कि इसमें शामिल होने वाले हजारों लोगों को भी एक साथ शामिल किया भी। उन्होंने बताया कि अब होने वाले लाइव में 400 से 500 हनुमानभक्त एक साथ इस सुंदरकांड में शामिल होते हैं। इसके बाद हर सुंदरकांड का देखने और उसका आनंद लेने वालों की संख्या भी हजारों में होती है। प्रकाश पारीक ने बताया कि काफी सालों से सोशल मीडिया के साथ लाइव करने का प्लान ही चल रहा था। लेकिन कोरोना के कारण प्राथमिकता के साथ यह काम हो गया और अब खुशी होती है कि ना केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी भक्ति की बयार बह रही है।
उल्लेखनीय है कि महावीर मंडल पिलानी की स्थापना 38 साल पहले एक व्यवसायी, लेकिन हनुमान भक्त कुरड़ाराम मनीरामका ने की थी। कुरड़ाराम मनीरामका उस जमाने में साइकिल पर सुंदरकांड की किताब और रामभक्त हनुमान की एक प्रतिमा को थैले में रखकर घर- घर जाकर हर शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करते थे। अब उनके पुत्र नरेश मनीरामका अपने पिता के इस संकल्प को आगे बढ़ा रहे है। खास बात यह है कि महावीर मंडल पिलानी संगीतमयी सुंदरकांड करवाने के नाम पर या फिर चढाने के नाम पर एक रुपया भी किसी से नहीं लेते। बल्कि जहां पर सुंदरकांड पाठ होता है। उस घर या व्यक्ति का पानी भी नहीं पिते। केवल निस्वार्थ भक्ति और भगवान के नाम के प्रचार का ही उद्देश्य बना रखा है।
चेतन ठठेरा ,94141-11350
पत्रकारिता- सन 1989 से
दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर,
नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प
समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम