अलवर में लाठीचार्ज के विरोध में किरोडी ने शुरू किया धरना

liyaquat Ali
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photo kirodi lal meena

अलवर

अलवर शहर के राजर्षि कॉलेज छात्रसंघ चुनाव में  28 अगस्त की रात को पुनर्मतदान की मांग कर रहे छात्रों और पूर्व फौजी पर पुलिस की ओर से लाठीचार्ज करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। शुक्रवार को राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा अलवर पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए।

धरने से पहले उन्होंने मौजूद कार्यकर्ता और समाज के लोगों की सभा को संबोधित किया। सभा के बाद सीधे जिला कलेक्ट्रेट के लिए कूच करने लगे तो मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। उसके बाद वह खुद सभा स्थल पर आकर धरने पर बैठ गए। धरना स्थल पर उन्होंने ऐलान किया कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक वह  यहां से नहीं उठेंगे।

प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी उन्हें समझाइश करते रहे,लेकिन कोई हल नहीं निकला। दोपहर करीब ढाई बजे सांसद डॉ.  मीणा रूपबास पहुंचे। यहां पर मीणा समाज और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तथा सर्व समाज की ओर से सभा थी,जिसको उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा तब तक वह अलवर से नहीं जाएंगे।

सांसद ने कहा कि राजनीति में उन्होंने पहला चुनाव लड़ा था तो वह हार गए थे,लेकिन राजनीति में लंबी पारी खेलनी पड़ती है। उन्होंने मांग रखी कि कॉलेज में जिन्होंने भी वोटों की गिनती में गड़बड़ी की है उसका ट्रांसफर किया जाना चाहिए और जब तक उनका ट्रांसफर नहीं होगा जब तक वह नहीं जाएंगे।  उन्होंने कहा कि जिस फौजी ने देश की सेवा की उसके साथ बेरहमी के साथ मारपीट करना यह फौजी का अपमान नहीं देश का अपमान है और इसका बदला लेंगे।

मीणा ने कहा कि कोतवाल कन्हैया लाल ने बेवजह फौजी अमर चंद मीना और छात्रों के साथ मारपीट की है तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून सबके साथ एक जैसा है,थानेदार के खिलाफ  मुकदमा दर्ज होना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। इस मामले में जो भी अन्य दोषी अफसर हैं और पुलिस वाले हैं उनके खिलाफ  भी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब किरोड़ी लाल के खिलाफ  मुकदमा दर्ज हो सकता है तो थानेदार के खिलाफ  मुकदमा दर्ज क्यों नहीं हो सकता।

उन्होंने पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि उनकी मांग पूरी कर देना नहीं तो राहुल गांधी के आने के बाद ही मांग पूरी होगी। जब वह थानागाजी में राहुल को बुला सकते हैं तो अलवर में  सोनिया गांधी को बुलाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून का राज नहीं है, जंगल का राज है,अत्याचार हो रहा है।

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