समर्थन मूल्य पर शुरू नहीं हुई सरसों की खरीद

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सरसों की एक अप्रैल को शुरू होने वाली समर्थन मूल्य पर खरीद अब तक शुरू नहीं हो पाई है। सरकारी खरीद केंद्रों पर खरीद शुरू नहीं होने से किसानों को इस फसल में औसतन 700 से 800 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है। किसान संघ के पदाधिकारियों ने इस पर आक्रोश भी जताया है।

किसान संघ के जिलाध्यक्ष रामनारायण जांगू ने बताया कि सरकार की ओर से क्रय विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से 1 अप्रैल से खरीद शुरू होनी थी, लेकिन कुछ केंद्रों पर चने की तुलाई हुई है। सरसों की तुलाई अब भी अधिकांश केंद्रों पर शुरू नहीं हुई है, जबकि जिले के किसान इसका इंतजार कर रहे हैं।

किसानों को हो रहा नुकसान

किसान संघ के प्रदेश मंत्री तुलछाराम सिंवर ने बताया कि सरकार ने चने के 5335 रुपए प्रति क्विंटल और सरसों के 5450 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर खरीद के भाव तय किए हैं,

जबकि इन दोनों जिंसों के बाजार भाव औसतन 4700 रुपए हैं और खरीद केंद्रों के नहीं खुलने की वजह से किसानों को चने और सरसों की उपज पर करीब 700 से 800 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है, लेकिन किसान अपनी उपज को सस्ते दामों पर बेचने को मजबूर हैं।

किसानों को हो रहा नुकसान

किसान संघ के प्रदेश मंत्री तुलछाराम सिंवर ने बताया कि सरकार ने चने के 5335 रुपए प्रति क्विंटल और सरसों के 5450 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर खरीद के भाव तय किए हैं, जबकि इन दोनों जिंसों के बाजार भाव औसतन 4700 रुपए हैं

और खरीद केंद्रों के नहीं खुलने की वजह से किसानों को चने और सरसों की उपज पर करीब 700 से 800 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है, लेकिन किसान अपनी उपज को सस्ते दामों पर बेचने को मजबूर हैं।

90 दिन में बंद होंगे खरीद केंद्र

एक अप्रैल को खरीद केंद्र शुरू नहीं हुए और एक महीने 5 दिन भी बीत चुके हैं, जबकि एक अप्रैल से 90 दिन की अवधि तक ही सरकारी खरीद केंद्रों पर किसानों की उपज की खरीददारी की जाती है। इसी अवधि में अवकाश के दिन खरीद कार्य बंद रहता है।

जिले में रबी सीजन की चना और सरसों की खरीद के लिए 42 केंद्र स्वीकृत किए गए हैं। इन केंद्रों पर जिले में चना और सरसों के समर्थन मूल्य पर विक्रय हेतु 1930 किसानों ने पंजीयन करवाया है।

जिसमें सरसों के लिए 1271 और चने के लिए 659 किसानों ने पंजीयन करवाया है। पंजीकृत किसानों से फसल खरीद नहीं होने से अन्य किसान भी समर्थन मूल्य पर फसल विक्री के लिए पंजीयन से दूरी बना रहे हैं।

फसलों की खरीद के लिए फलोदी, पीपाड़, बिलाड़ा, जोधपुर, भोपालगढ़, बावड़ी, बाप, बालेसर और मथानिया में क्रय विक्रय केंद्र बनाए गए हैं।

फसल एमएसपी बाजार भाव पंजीयन

सरसों 5450 4500 1271

चना 5335 4600 659

भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री तुलछाराम सिंवर ने बताया कि जिले में समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं हुई है। जिससे किसानों को चना और सरसों की फसल समर्थन मूल्य से नीचे बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है।

खरीद एजेंसियां खरीद को लेकर बेपरवाह हैं। 25 अप्रैल को भी खरीद शुरू करने को लेकर मांग रखी थी। अभी तक खरीद शुरू नही हुई। कुछ केंद्रों पर पंजीयन क्षमता भी पूरी हो गई।

समर्थन मूल्य पर खरीद में हुई देरी और खरीद शुरू होने को लेकर संशय के कारण किसान योजना से दूरी बना रहे हैं। राजफैड प्रबंध निदेशक जयपुर और जिला कलेक्टर जोधपुर को पत्र लिखा है।

नए बारदान के अभाव में अधिकांश खरीद केंद्रों पर सरसों, चना की खरीद शुरू नहीं हो पाई है। बारदान एक दो दिन में आ जाएगा, तब जिले के सभी केंद्रों में खरीद शुरू हो जाएगी। राजफैड के क्षेत्रीय प्रबंधक मुरलीधर व्यास ने बताया कि भारतीय किसान संघ की ओर से राजफैड प्रबंध निदेशक को खरीद शुरू करने को लेकर अवगत करवाया गया।

राजफैड की प्रबंध निदेशक उर्मिला राजोरिया ने राजफैड के क्षेत्रीय प्रबंधक मुरली मनोहर को खरीद में देरी का कारण पूछने के साथ ही जल्द खरीद शुरू करने के निर्देश दिए।

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