उनियारा /मदन लाल सैनी।नगर फोर्ट तहसील मुख्यालय कस्बे के समीप प्राचीन खेड़ा सभ्यता है।राजस्थान के टोंक जिले के नगरफोर्ट की प्राचीन खेड़ा सभ्यता विश्व मानचित्र के पटल पर अपना विशेष स्थान रखती है। लेकिन विभागीय अधिकारियों तथा उच्चाधिकारियों की उदासीनता तथा अनदेखी के कारण इसका सीना छलनी किया जा रहा है।
वही इसकी सुरक्षा के लिए लगाए गए कर्मचारियों की मिलीभगत से खेड़ा सभ्यता के माउंट चोटियों को जेसीबी मशीन की सहायता से नष्ट करके जमीन में मिलाए जाने से यह सभ्यता नष्ट होने के कगार पर बनी हुई है।
भारत में सभ्यताओं के विकास तथा उसके विनाश से संबंधित खोजो के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एवं संरक्षण के लिए भारतीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा कहीं स्थानों को चिन्हित किया गया है। उन्हीं में से नगरफोर्ट की खेड़ा सभ्यता भी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
पुरातत्व विभाग की चेतावनी नोटिस बोर्ड के अनुसार यह क्षेत्र भारत सरकार के पुरातत्व विभाग के अधीन है तथा राष्ट्रीय महत्त्व का स्मारक घोषित है तथा विभाग के अधिनियम 1958 के नियम 24 के तहत इस स्मारक को नष्ट करना, खोदना, क्षति पहुंचाना राष्ट्रीय अपराध घोषित किया हुआ है।
इस स्मारक को नुकसान पहुंचाने वाले के ऊपर 5000 तक का जुर्माना और सजा का भी प्रावधान है। लेकिन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही तथा स्थानीय स्तर पर लगाए गए कर्मचारी की आपसी मिलीभगत के चलते जेसीबी मशीन की सहायता से स्मारक क्षेत्र के महत्वपूर्ण गणेश खेड़ा से जुड़े टीलो माउंट को नष्ट करके समतल किया जा रहा है।
जिससे यह महत्वपूर्ण खेड़ा सभ्यता अपना वैभव खो रही है तथा नष्ट होने के कगार पर है। विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों का दूरभाष एवं व्हाट्सएप के माध्यम से सीधा प्रसारण का वीडियो भेज कर इस ओर ध्यान आकर्षित किया जा चुका है ।
लेकिन अधिकारी कार्य रुकवाने के लिए तो कह रहे हैं। लेकिन आपराधिक कार्य करने वाले तथा जेबीसी मशीन के विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। जो अधिकारियों कि इस स्मारक के प्रति उदासीनता व लापरवाही का एक जीता जागता प्रमाण है।