Jaisalmer News – टिड्डियों का अब तक का सबसे बड़ा जबरदस्त हमला पाकिस्तान की सीमा से सटे जैसलमेर के खेतों में हुआ है। खेतों में करोड़ों रुपए की फसलें टिड्डियां नष्ट कर गई है। पाकिस्तान की सीमा से टिड्डियां आने का सिलसिला आज भी लगातार बदस्तूर जारी है। पाकिस्तान इन टिड्डियों को नियंत्रण करने में पूरी तरह नाकाम होने के कारण इसका खामियाजा राजस्थान के सीमावर्ती जिलों को उठाना पड़ रहा है।
किसान टिड्डी विभाग के अधिकारियों के आगे इन टिड्डियों को नियंत्रण करने की हाथ जोड़कर व पैर पड़कर गुहार कर रहे हैं, लेकिन टिड्डी महकमा भी अब लाचार-सा नजर आ रहा है। पूरे क्षेत्र से किसान टिड्डी के वीडियो बनाकर लोकेशन के साथ प्रशासन व टिड्डी विभाग को भिजवा रहे हैं, लेकिन टिड्डियां पर नियंत्रण करने की कार्रवाई नहीं हो पा रही है। उधर हाल ही में 10 से 14 दिसम्बर तक इथोपिया में भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सउदी अरब, इटली सहित 20 देशों के प्रतिनिधियों की टिड्डियों के बढ़ते प्रकोप को लेकर एक बैठक हुई थी।
इसमें भी इस संबंध में चिन्ता व्यक्त की गई थी तथा वर्ष,2020 में एक बार फिर टिड्डियों का जोरदार हमला होने की चेतावनी जारी की गई है। अब राज्य सरकार केन्द्र सरकार पर ही मदद करने की गुहार कर रही है। मुख्यमंत्री ने दो दिन पूर्व इस संबंध में एक बैठक भी आयोजित की थी तथा केन्द्र से इन टिड्डियों को नष्ट करने के लिए गुजारिश की थी।
पाक की सीमा से सटे जैसलमेर में मई माह में टिड्डियों ने जैसलमेर में किसानों की फसलों पर हमला करना शुरू किया और 7 माह बीत जाने के बाद भी केन्द्र व राज्य सरकार टिड्डियों पर नियंत्रण नहीं कर पाई है। किसानों की लाखों रुपए की फसलें चौपट हो गई है और अभी भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जैसलमेर में तैनात अधिकारी की लापरवाही व उदासीनता से किसान परेशान हैं। कई बार टीमें समय पर नहीं पहुंची तो कई बार अधिकारियों ने फोन नहीं उठाए।
पहले टिड्डी नियंत्रण दल के अधिकारियों ने कहा था कि सर्दी के मौसम में टिड्डियां नहीं आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जैसलमेर के इतिहास में पहली बार इतना बड़ा टिड्डी का हमला हुआ है कि वह किसी से संभल नहीं रहा हैं। पाकिस्तान की सीमा से आई टिड्डियों के हमले लगातार जारी है। वर्तमान में जैसलमेर-बाड़मेर के 200 से अधिक गांवों में टिड्डी दलों ने धावा बोल रखा है।
किसानों ने फलोदी से जैसलमेर लगाए अधिकारी पर तो गंभीर आरोप लगाए। किसानों का कहना था कि उन्हें यहां फील्ड ड्यूटी पर लगाया गया था लेकिन वे मौके पर पहुंचे ही नहीं और दो-तीन दिन सम के किसी रिसोर्ट में ठहरकर वापस लौट गए।
प्रभारी अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि उन्होंने मई माह से अब तक जैसलमेर में 1.77 लाख हैक्टेयर पर नियंत्रण की कार्रवाई की है। जबकि धरातल पर यह स्थिति है कि किसानों की फसलें बचाने में यह विभाग पूरी तरह से नाकाम रहा।
हमले का कारण भारत व पाक के बीच कम्युनिकेशन गेप
केबिनेट मंत्री व जिला प्रभारी मंत्री बी.डी. कल्ला ने जैसलमेर में टिड्डियों द्वारा किए गए फसलों पर हमले के संबंध में बताया कि इसके पीछे सबसे बड़ा प्रमुख कारण भारत व पाकिस्तान के बीच कम्युनिकेशन गेप रहा है।