सवाई माधोपुर में सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित

liyaquat Ali
3 Min Read

सवाईमाधोपुर

Contents
लम्बी खींचतान के बाद सवाई माधोपुर नगर परिषद सभापति डॉक्टर विमला शर्मा के खिलाफ  शनिवार को आखिरकार नगर परिषद कोरम की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर मोहर लग ही गई। गत दिनों दो तिहाई से अधिक पार्षदों ने कलेक्टर के समुख उपस्थित होकर अविश्वास प्रस्ताव पारित करवाने की मांग की थी। इस पर राज्य सरकार के निर्देशानुसार कलेक्टर ने 20 जुलाई को नगर परिषद कोरम की बैठक होने की अधिकारिक घोषणा की थी और अन्तत: स्थानीय विधायक दानिश अबरार की मौजूदगी में नगर परिषद में काबिज भाजपा बोर्ड की चेयरमैन विमला शर्मा के खिलाफ  अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया।नगर परिषद में वर्तमान में 45 पार्षद हैं। इनमें कोरम की बैठक में 40 पार्षद व एक स्थानीय विधायक समेत कुल 41 सदस्य उपस्थित हुए। वहीं प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर निर्वाचन अधिकारी के रूप में एडीएम महेन्द्र लोढ़ा ने अविश्वास  प्रस्ताव की समूची कार्यवाही को अंजाम दिया। बैठक में 40 पार्षदों के शामिल होने के साथ ही कोरम की कार्यवाही शुरू कर दी गई। कार्यवाही के शुभारम्भ में ही मौजूदा सभी पार्षदों ने ध्वनिमत से मतदान करवाने का आह्वïान किया। इसे सर्व सम्मति के अनुसार निर्वाचन अधिकारी महेन्द्र लोढ़ा ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद मतदान प्रक्रिया प्रारम्भ की गई। एक-एक कर सभी पार्षदों ने अपना मतदान किया।मतदान प्रक्रिया सम्पन्न हो जाने के बाद मतगणना की गई। मतगणना में 40 पार्षदों के मत सभापति विमला शर्मा के विरोध में पड़े। साथ ही विधायक दानिश अबरार का मत भी उनके विरोध में रहा। मतदान प्रक्रिया सम्पन्न होने के दौरान एक निर्दलीय पार्षद सदन में पहुंची। पर उसे मताधिकार का प्रयोग नहीं करने दिया गया। वहीं कोरम की उपस्थिति रजिस्टर में नगर परिषद पार्षद के हस्ताक्षर भी नहीं लिए गए।मतगणना सम्पन्न हो जाने के बाद निर्वाचन अधिकारी महेन्द्र लोढ़ा ने सभापति विमला शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की आधिकारिक घोषणा की। वहीं अब सभापति के खिलाफ  अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने के बाद नया सभापति कौन होगा? इस पर अभी संशय बना हुआ है। निर्वाचन अधिकारी के अनुसार अग्रिम कार्यवाही के बाद नए सभापति का चुनाव होगा।गौरतलब है कि नगर परिषद में वर्तमान में 29 पार्षद बीजेपी के हैं, साथ ही भाजपा का बोर्ड है। वहीं महज 11 पार्षद कांग्रेस तथा 5 निर्दलीय पार्षद हैं। नगर परिषद में बहुतायत में भाजपा के पार्षद होने के बावजूद भाजपा पार्षदों की ही बगावत एवं  सभापति के खिलाफ  अविश्वास प्रस्ताव आना अपने आप में भारतीय जनता पार्टी के लिए करारा झटका है।
लम्बी खींचतान के बाद सवाई माधोपुर नगर परिषद सभापति डॉक्टर विमला शर्मा के खिलाफ  शनिवार को आखिरकार नगर परिषद कोरम की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर मोहर लग ही गई। गत दिनों दो तिहाई से अधिक पार्षदों ने कलेक्टर के समुख उपस्थित होकर अविश्वास प्रस्ताव पारित करवाने की मांग की थी। इस पर राज्य सरकार के निर्देशानुसार कलेक्टर ने 20 जुलाई को नगर परिषद कोरम की बैठक होने की अधिकारिक घोषणा की थी और अन्तत: स्थानीय विधायक दानिश अबरार की मौजूदगी में नगर परिषद में काबिज भाजपा बोर्ड की चेयरमैन विमला शर्मा के खिलाफ  अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया।
नगर परिषद में वर्तमान में 45 पार्षद हैं। इनमें कोरम की बैठक में 40 पार्षद व एक स्थानीय विधायक समेत कुल 41 सदस्य उपस्थित हुए। वहीं प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर निर्वाचन अधिकारी के रूप में एडीएम महेन्द्र लोढ़ा ने अविश्वास  प्रस्ताव की समूची कार्यवाही को अंजाम दिया। बैठक में 40 पार्षदों के शामिल होने के साथ ही कोरम की कार्यवाही शुरू कर दी गई। कार्यवाही के शुभारम्भ में ही मौजूदा सभी पार्षदों ने ध्वनिमत से मतदान करवाने का आह्वïान किया। इसे सर्व सम्मति के अनुसार निर्वाचन अधिकारी महेन्द्र लोढ़ा ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद मतदान प्रक्रिया प्रारम्भ की गई। एक-एक कर सभी पार्षदों ने अपना मतदान किया।
मतदान प्रक्रिया सम्पन्न हो जाने के बाद मतगणना की गई। मतगणना में 40 पार्षदों के मत सभापति विमला शर्मा के विरोध में पड़े। साथ ही विधायक दानिश अबरार का मत भी उनके विरोध में रहा। मतदान प्रक्रिया सम्पन्न होने के दौरान एक निर्दलीय पार्षद सदन में पहुंची। पर उसे मताधिकार का प्रयोग नहीं करने दिया गया। वहीं कोरम की उपस्थिति रजिस्टर में नगर परिषद पार्षद के हस्ताक्षर भी नहीं लिए गए।
मतगणना सम्पन्न हो जाने के बाद निर्वाचन अधिकारी महेन्द्र लोढ़ा ने सभापति विमला शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की आधिकारिक घोषणा की। वहीं अब सभापति के खिलाफ  अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने के बाद नया सभापति कौन होगा? इस पर अभी संशय बना हुआ है। निर्वाचन अधिकारी के अनुसार अग्रिम कार्यवाही के बाद नए सभापति का चुनाव होगा।
गौरतलब है कि नगर परिषद में वर्तमान में 29 पार्षद बीजेपी के हैं, साथ ही भाजपा का बोर्ड है। वहीं महज 11 पार्षद कांग्रेस तथा 5 निर्दलीय पार्षद हैं। नगर परिषद में बहुतायत में भाजपा के पार्षद होने के बावजूद भाजपा पार्षदों की ही बगावत एवं  सभापति के खिलाफ  अविश्वास प्रस्ताव आना अपने आप में भारतीय जनता पार्टी के लिए करारा झटका है।
Share This Article
Follow:
Sub Editor @dainikreporters.com, Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter. Mobile +917014653770
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *