नई दिल्ली
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने कैबिनेट सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू के पर कतरते हुए गुरुवार की दोपहर को स्थानीय निकाय विभाग से हटा दिया है। यह फैसला क्रिकेट से राजनीति में आए नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ से कैबिनेट की बैठक में न जाने और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नवजोत सिद्धू के खिलाफ बोलने के बाद किया गया है।
मुख्यमंत्री की तरफ से राज्यपाल को सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग से हटाने की सलाह देने के कुछ मिनट बाद सिद्धू ने संवाददाताओं से कहा- “मुझे हल्के में नहीं लिया जा सकता है… मैं पंजाब के लोगों के प्रति जवाबदेह हूं।” कैप्टन अमरिंदर ने इस विभाग को अभी अपने पास ही रखने का फैसला किया है।
हालांकि, सिद्धू के पास पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय का भार है। वह कैबिनेट मंत्री भी बने रहेंगे। लेकिन, अमरिंदर सिंह की तरफ से स्थानीय विभाग छीनना सिद्धू के लिए एक कड़ा संदेश है।
कैबिनेट बैठक में नहीं पहुंचे सिद्धू
इससे पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंद सिंह के साथ गहराते विवाद के संकेत के बीच पिछले महीने खत्म हुए लोकसभा चुनाव के बाद गुरुवार को बुलाई गई पहली कैबिनेट मीटिंग में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू नहीं पहुंचे।
ऐसा दूसरी बार है जब कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में आधिकारिक बैठक के दौरान स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू न पहुंचे हों। नवजोत सिद्धू का विभाग बदलने पर भी जोरशोर से अटकलें लगाई जा रही थी।
इससे पहले, सोमवार को स्थानीय निकाय मंत्री की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने कहा था कि पंजाब कांग्रेस विधायक, कैबिनट मंत्री और नए चुने गए सांसदों की 30 मई को रखी गई बैठक में उनके पति को नहीं बुलाया गया था, इसलिए वे वहां पर नहीं गए।
अमरिंदर के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यालय (सीएमओ) की तरफ से सभी मंत्रियों और विधायकों को बैठक में आमंत्रित किया गया था। हालांकि, सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने ऐसे किसी संदेश के मिलने से इनकार किया।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान पर सिद्धू के बयान और स्थानीय निकाय विभाग को ठीक से हैंडल न कर पाने को शहरी इलाकों में पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह बताते हुए मंत्रियों के विभाग में बंटवारे की घोषणा की थी।