देश में राजस्थान का सबसे ज्यादा 402 सरकारी स्कूलों का हुआ पीएम श्री योजना में चयन

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राजस्थान सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की स्थापना, नामांकन में उत्तरोत्तर प्रगति, विद्यालयों के ढांचागत विकास एवं शैक्षिक नवाचारों की सतत पहल एक बार फिर रंग लाई है.

देश में शैक्षणिक विकास के कई पैरामीटर में अनवरत अव्वल प्रदर्शन के गौरव के बाद अब राजस्थान ने पीएम श्री योजना में भी सर्वाधिक सरकारी स्कूलों का चयन करते हुए देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है.

पीएम श्री योजना में प्रदेश के 21 हजार 356 सरकारी स्कूलों को बैंचमार्क विद्यालय माना गया है. योजना में ऑनलाइन आवेदन के बाद राष्ट्रीय स्तर पर वैरीफाइड विद्यालयों की श्रेणी में भी राजस्थान ने देश के अन्य बड़े राज्यों को काफी अंतर से पीछे छोड़ा है.

शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी कल्ला, शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा अपर्णा अरोड़ा, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव एवं शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने प्रदेश की इस विशिष्ट उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विभाग की पूरी टीम को बधाई दी.

शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों में नवाचारों से नामांकन में बढ़ोतरी एवं समग्र शैक्षणिक विकास के लिए लगतार प्रयास किए जा रहे हैं. इस दिशा में यह उपलब्धि मील का पत्थर है.

जो टीम एजुकेशन-राजस्थान के समर्पित एवं सतत प्रयासों का परिणाम है. पीएम श्री योजना के प्रथम चरण में राजस्थान के सबसे ज्यादा 402 सरकारी विद्यालयों का चयन किया गया है. इनमें माध्यमिक शिक्षा के 346 और प्राथमिक शिक्षा के 56 सरकारी स्कूल शामिल है.

प्रदेश के कुल 718 स्कूलों को इस योजना में शामिल किया जाएगा, इसमें से राजस्थान ने पहले चरण में ही 56 प्रतिशत विद्यालयों का चयन कराते हुए विशेष सफलता प्राप्त की है. जुलाई माह में द्वितीय चरण में शेष स्कूलों का चयन प्रस्तावित है.

शिक्षा मंत्री डॉ कल्ला ने बताया कि इस योजना के सरकारी स्कूलों के चयन के लिए जो बैंचमार्क निर्धारित किए गए है. उनमें एलीमेंट्री सेटअप (कक्षा 1 से 5 एवं 1 से 8 तक) तथा सैकेण्डरी सेटअप (कक्षा 6 से 12 तक) में स्कूलों में नामांकन राज्य के औसत नामांकन से अधिक, अच्छी कंडीशन में विद्यालयों का पक्का भवन, बालक-बालिकाओं के लिए

 अलग-अलग शौचालय, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, हाथ धोने के लिए अलग से सुविधा, सभी शिक्षकों के पास गाइडलाइन के अनुरूप आईडी कार्ड, बैरियर फ्री एक्सेस रैम्प, सुरक्षा पर फोकस, विद्युत कनेक्शन, लाइब्रेरी एवं खेलकूद गतिविधियों के लिए आवश्यक सुविधाएं जैसे पैरामीटर शामिल है.

इनमें राजस्थान के सरकारी स्कूलों की स्थिति,योजना की गाइडलाइन के अनुसार प्राथमिक स्क्रूटनी (21 हजार 356 स्कूल), प्रथम चरण (402 स्कूल) और कुल चयन (718 स्कूल) में पूरे देश में अव्वल रही है, जो प्रदेश के लिए गौरव की बात है.

शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने बताया कि इस योजना में चयन के मानदंडों के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालयों के चयन के लिए स्क्रूटनी की गई तो प्रदेश के 21 हजार 356 विद्यालय बैंचमार्क पाए गए.

राजस्थान के सरकारी विद्यालयों में नामांकन और नवाचारों के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के लिए आवश्यक सुविधा एवं संसाधनों से परिपूर्ण स्कूल परिसर जैसे पैरामीटर्स पर यह संख्या भी पूरे देश में अव्वल थी.

स्क्रूटनी में इतनी बड़ी संख्या में राज्य के सरकारी स्कूलों की पात्रता के बाद शिक्षा विभाग की टीम द्वारा एक खास मुहिम चलाते हुए योजना के ऑनलाइन पोर्टल पर प्रदेश इन 21 हजार 356 बैंचमार्क विद्यालयों में से 21 हजार 317 सरकारी स्कूलों के स्वयं के स्तर से ही आवेदन कराया गया.

इसके लिए राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के तहत अधिकारियों की एक विशेष टीम द्वारा सतत मॉनिटरिंग की गई.

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव ने इस योजना के प्रथम चरण में चयनित प्रदेश के 402 सरकारी स्कूलों में जयपुर के सर्वाधित 28 स्कूलों का चयन किया गया है.

जोधपुर के 24, उदयपुर के 22 एवं बाड़मेर के 21 सरकारी स्कूल इसमें शामिल है. इसी प्रकार अलवर एवं नागौर के 18-18, भरतपुर एवं भीलवाड़ा के 15-15, अजमेर के 14, श्रीगंगानगर, चितौड़गढ़ एवं सीकर के 13-13, झुंझुनू के 12, बांसवाड़ा, दौसा एवं पाली के 11-11, बीकानेर,

बारां, डूंगरपुर, जालौर एवं झालावाड़ के 10-10, करौली, कोटा, प्रतापगढ़ एवं हनुमानगढ़ के 9-9, टोंक, धौलुपर एवं राजसमंद के 8-8, चुरू, जैसलमेी एवं सवाईमाधोपुर के 7-7, सिरोही के 6 एवं बूंदी के 5 विद्यालयों का चयन हुआ है.

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