सीकर / अशफाक कायमखानी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए किए जा रहे कार्यों के सकारात्मक परिणाम लगातार सामने आ रहे है। चिकित्सा विभाग की ओर से गत वर्षों में किए गए डिकॉय ऑपरेशन व कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए की गई जनजागरूकता गतिविधियों का ही परिणाम है कि जिले में लगातार बाल लिंगानुपात बढ रहा है। पीसीटीएस के अनुसार वर्ष 2011 में जिले का बाल लिंगानुपात 848 था, जो अब बढकर 952 हो गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी ने बताया कि राज्य स्तर पर जन्म के आधार पर बाल लिंगानुपात पीसीटीएस के वर्ष 2019 व 2020 के आंकड़ों की समीक्षा की गई है, जिसमें बाल लिंगानुपात पिछले वर्ष 2019 के 948 से बढकर 2020 में 952 हो गया है। जिले के बाल लिंगानुपात में 4 अंकों की बढोत्तरी हुई है। वहीं वर्ष 2011 से लेकर अब तक 104 अंकों की बढोत्तरी हुई है। वर्ष 2011 में सीकर जिले का बाल लिंगानुपात 848 था।
जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक नंदलाल पूनिया ने बताया कि सीएमएचओ डॉ अजय चौधरी के निर्देशन में विभाग की ओर से बाल लिंगानुपात में सुधार तथा कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए प्रति वर्ष विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। विभाग की ओर से बाल लिंगानुपात में सुधार करने के लिए समय-समय पर जिले में संचालित सोनोग्राफी सेंटरों को निरीक्षण समुचित प्राधिकारियों द्वारा किया जाता है। वहीं विभाग की ओर से प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर डॉर्ट्स ऑर प्रिसियस कार्यक्रम का आयोजन कर आमजन को इस मुहिम से सीधा जोड़ा गया, ताकि मुखबिर से माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या जैसे घिनौने कार्य में लिप्त लोगों पर शिंकजा कसा जा सके। इसी का परिणाम है कि विभाग की ओर से समय समय पर डिकॉय ऑपरेशन भी किए गए।