टोंक। टोंक के मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी फ़ारसी शोध संस्थान में बुधवार को विभिन्न भाषाओं में मानवता का संदेश विषय पर तीन दिवसीय अखिल भारतीय सेमिनार का उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ।
इस मौके पर अरबी, फ़ारसी, उर्दू और इतिहास के विद्धानों को पुरस्कार से नवाजा गया। संस्थान में पांच दिवसीय अखिल भारतीय कैलीग्राफी आर्ट फेस्टिवल नुमाइश एवं वर्कशॉप का भी आगाज किया गया, जिसमें विभिन्न प्रांतों के कैलीग्राफिस्ट/आर्टिस्ट ने भाग लेकर अपनी कला का प्रदर्शन किया।
संस्थान के निदेशक डॉ. सैयद सादिक अली ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि टोंक रियासत के तीसरे शासक नवाब मोहम्मद अली खां ने बुनियादी रूप से इस संस्थान की किताबों के जखीरे को जमा किया।
उन्होंने कहा कि यहां औरंगजेब के हाथ का लिखा कुरान मौजूद है। यहां पर रामायण, महाभारत के फारसी में अनुवाद भी मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि इस संस्थान में इस समय 9,218 हस्तलिखित ग्रंथ, 43,269 रेफरेंस पुस्तकें, 27,381 कदीम रसाइल, 722 फरामीन और भूतपूर्व टोंक रियासत के महकमा शरीअत के 65,000 फैसलों की पत्रावलियों के अलावा हजारों अनमोल अभिलेख, प्रमाण-पत्र आदि शोध स्त्रोत संस्थान में मौजूद हैं।
इस मौके पर राज्य महिला सदन जयपुर की चेयरमैन डॉ. जाहिदा शबनम जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नितेश कुमार जैन समेत कई हस्तियां मौजूद रहीं।