टोंक जिला खनिज विभाग, व बजरी लीजधारक की बडी सांठगांठ

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सवाईमाधोपुर जिले से बनास नदी से बजरी का रवन्ना टोंक जिले की पीपलू तहसील की मांसी का बरौनी रॉयल्टी नाका का दिया जा रहा

 

पीपलू (ओपी शर्मा) ।जयपुर निवासी अजय कुमार ने बजरी लीज होल्र्डर्स एव रॉयल्टी कर्मियों पर आरोप लगाया है कि सवाईमाधोपुर जिले से बनास नदी से बजरी का रवन्ना टोंक जिले की पीपलू तहसील की मांसी का बरौनी रॉयल्टी नाका का दिया जा रहा है।

इस आशय की शिकायत टोंक एवं सवाईमाधोपुर जिले के जिला कलेक्टर,एसपी ही नही बल्कि जयपुर खनिज अधीक्षक से की गई है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई। अजय कुमार का कहना है कि इसकी जांच गाडियों में लगे जीपीएस के जरिए की जा सकती है।उन्होंने शिकायती पत्र में लिखा है कि रोजाना 100 गाड़िया सवाईमाधोपुर जिले से बजरी लेकर जयपुर निकलती है।

जयपुर निवासी अजय कुमार का कहना है कि इतना ही नही ट्रक ड्राइवर द्धारा जब सारसोप नाका से रवन्ना मांगा गया तो रॉयल्टी ठेका शेखावत एसोसिएट्स कर्मियों ने उसके साथ मारपीट की इतना ही नही रुपए छीन लिए।इस आशय की रिपोर्ट चौथ का बरवाड़ा पुलिस थाना को भी दी गई है।

जयपुर निवासी अजय कुमार ने बताया कि दीपावली के पूर्व सवाई माधोपुर जिले के डिंडायच बनास नदी से डंपर चालक ने बजरी उठाई थी।

वह बजरी डंपर लेकर बजरी लीज होल्डर्स के सारसोप रॉयल्टी नाका पहुंचा तो उसने रवन्ना मांगा तो कर्मचारियों ने बरौनी से रवन्ना लेने के लिए कहा।ड्राइवर हंसराज गुर्जर ने बीच रास्ते मे खनिज विभाग एव पुलिस की टीम मिलने की बात कही तो उनका कहना था कि इसकी चिंता छोडो कोई नही रोकेगा,टोंक तक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी की सेटिंग है ।

ड्राईवर ने रवन्ना दिए जाने की जिद की तो वहां तैनात रॉयल्टी नाका कर्मी कालू माली ने ड्राईवर से मारपीट की वही डीजल के बीस हजार रुपए छीन लिए।

अजय कुमार का आरोप है कि बजरी लीज होल्र्डर्स एव बजरी रॉयल्टी एवं रॉयल्टी ठेकेदार की सवाई माधोपुर एव टोंक की बनास नदी व पीपलू की मांसी नदी में ठेका है। डिंडायच बनास नदी से बजरी भरी गई लेकिन मांसी नदी का रवन्ना ट्रक ड्राइवरों को गलत तरीके दे दिया जा रहा है।

काफी सालो से चल रहा अवैध बजरी का खेल

टोंक ही नही सवाईमाधोपुर जिले की बनास नदी से रोजाना हजारों टन बजरी खनन किए जाने का खेल आज ही नही बल्कि काफी सालो से हो रहा है।लेकिन न तो खनिज विभाग न ही पुलिस प्रशासन ने कोई बड़ी कार्यवाई की ।

दोनों ही विभागों की मिली भगत से अवैध बजरी का कारोबार चल रहा है।वही दूसरी तरफ खनिज विभाग के सूत्रों का कहना है कि पूर्व में सवाई माधोपुर बनास नदी से शिकायतकर्ता अवैध बजरी ले जा रहा था लेकिन अब लीज होने के कारण रॉयल्टी देनी पड़ रही है तो शिकायत की जाने लगी है।

दोनों के चाहे तर्क अलग-अलग हो लेकिन यह बात तो साफ हो गई कि बनास नदी से अवैध बजरी खनन काफी सालो से हो रहा है

।मांसी नदी लीज होल्र्डर्स एवं रॉयल्टी ठेकेदार सहित खनिज विभाग की मिली भगत से बनास नदी से अवैध खनन को दो नम्बर से एक नम्बर में किए जाने के लिए रवन्ना मांसी का दिया जा रहा था जो आज भी जारी है। इस मामले में कोई कार्यवाई नही होना वह भी जयपुर खनिज अधीक्षक को शिकायत के बावजूद ऊपर तक कि मिली भगत को दर्शाता है।

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