उनियारा/ अशोक कुमार सैनी । एक ओर राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को निखारने के लिए जहां ग्रामीण ओलंपिक खेलों का आयोजन कर लाखों-करोड़ों का बजट खर्च कर रही है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण ओलंपिक खेलों के दौरान प्रस्तावित बजट में भी जिम्मेदार अधिकारी भारी भ्रष्टाचार कर खेल बजट को हड़पने में लगे हुए हैं।
ऐसा ही वाक्या गुरूवार को टोंक जिले के उनियारा में ब्लॉक स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों में देखने को मिला, जहां पर ग्रामीण खेलों के पहले ही दिन ओलंपिक खेल के दौरान भारी अव्यवस्थाऐ नजर आई। जहां खिलाड़ियों में भी भारी नाराजगी देखने को मिली।
गुरूवार को जिले के उनियारा उपखण्ड मुख्यालय स्थित राजकीय सरदार उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान में ब्लॉक स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों का शुभारम्भ हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि पंचायत समिति प्रधान श्रीमती फूलबाई मीणा रही, जबकि समारोह की अध्यक्षता उपखण्ड अधिकारी त्रिलोक चन्द मीना ने की, वहीं विशिष्ट अतिथि नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी प्रवीण कुमार शर्मा, पंचायत समिति मुख्यालय अलीगढ़ के कार्यवाहक विकास अधिकारी शंकर सिंह, उपप्रधान जगदीश बैरवा, पंचायत समिति सदस्य फोरूलाल मीणा, राजकीय सरदार उच्च माध्यमिक विद्यालय उनियारा की प्रधानाचार्य संगीता मीणा, कांग्रेस नेता राधेश्याम मेरोठा, पार्षद अनीस मोहम्मद आदि रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन प्रभारी शारीरिक शिक्षक रामस्वरूप सैनी ने किया।
उपखण्ड स्तरीय ग्रामीण ओलम्पिक खेलों में भारी अव्यवस्थाएं-खिलाड़ियों में नाराजगी
उनियारा में ब्लॉक स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के शुभारंभ अवसर पर गुरूवार को भारी अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं। खिलाड़ियों ने मीडिया को बताया कि टेनिस व क्रिकेट के मैदान में कई जगह घांस उगी होना, कंटीली झाड़ियां, कांच के टुकड़े एवं उबड़-खाबड़ मैदान की स्थिति बनी हुई हैं, वहीं खिलाड़ियों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि खेल के शुभारंभ से पूर्व गुरूवार सुबह से ही खिलाड़ी भूख प्यास से तड़प रहे थे, लंच के लिए आए भोजन के पैकेट पूरे खिलाड़ियों के नहीं आने से पहले ही खत्म हो गए।
बाद में खेल मैनेजमेंट अधिकारी खिलाड़ियों को आश्वासन पर आश्वासन देते रहे, मगर एक घंटा इंतजार करने के बाद भी भोजन के पैकेट नहीं आए, खिलाड़ियों के लंच के लिए भोजन के पैकेट एवं नाश्ते के लिए आखिरकार अधिकारियों ने ऊंचे हाथ कर दिए। बाद में उद्घाटन मैचों में खेले खिलाड़ी भूखे प्यासे निराश होकर गांव की ओर लौटे।
ऐसे में खिलाड़ी उपखण्ड प्रशासन के खेल मैनेजमेंट अधिकारियों पर खेल बजट को खानापूर्ति कर हड़पने, अव्यवस्था करने सहित भ्रष्टाचार करने के कई सवालिया निशान उठाते नजर आए।