चरागाह भूमि पर किया जा रहा अवैध बजरी स्टोक

liyaquat Ali
2 Min Read

पीपलू सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद बजरी माफिया बनास नदी में बड़े पैमाने पर अवैध बजरी खनन खुलेआम कर रहे है और प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। सुप्रीम कोर्ट ने 16  नवम्बर 2017 को एक आदेश जारी कर राजस्थान में बजरी खनन पर रोक लगा दी थी, जिसके चलते टोंक जिले में भी बनास नदी में बजरी खनन रोक दिया गया। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश कि अवहेलना करते हुए पीपलू उपखण्ड के पटवार हल्का हाडीकला क्षेत्र के ग्राम ककराज खुर्द व ककराज कलां के बीच करीबन 30 हेक्टेयर भूमि है, जो राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार जमाबंदी मे चरागाह भूमि अंकित है। जिस पर इन दिनों अवैध बजरी माफिया राजस्व विभाग से मिली भगत कर बजरी स्टॉक करवा रहे है। उक्त चरागाह भूमि पर जेसीबी मशीन लगाकर पेड़ों को उखाड़ कर बजरी का स्टॉक कर दिया गया है, जबकि खनिज विभाग द्वारा  कुआ,  वन , चरागाह, देवस्थान, सार्वजिनक स्थान से 45 मीटर दूरी पर लीज बजरी स्टॉकक्रेशर अथवा किसी भी व्यवसाय की स्वीकृति दी जाती है। जबकि चरागाह भूमि पर पेड़ उखाड़ कर करीबन सौ ट्रेक्टर बजरी स्टाक कर दिया गया। जो सभी नियमों की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिसमें बजरी माफियाओं को खुले आम बढावा मिल रहा हैं।

इनका कहना है

उन्हें जानकारी नहीं है। पीपलू तहसीलदार व पटवारी को भेजकर जांच करवाते हुए बजरी स्टॉक जब्त करवाते है। अर्पिता सोनी, उपखण्ड अधिकारी पीपलू

 

 

 

 

Share This Article
Follow:
Sub Editor @dainikreporters.com, Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter. Mobile +917014653770
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *