टोंक जिले के निवाई कस्बे मे स्थित राजकीय एकलव्य बालिका आवासीय विद्यालय के छात्रावास संख्या दो में बीती रात उस समय हड़कंप मच गया जब वहां एक साथ दो कोबरा सांप रैंगते हुए आ घुसे.जिस समय ये कोबरा सांप नज़र आये उस समय छात्रावास में लगभग 300से अधिक छात्रायें मौजूद थीं.दोनों कोबरा सांपों में से एक सूखे चेंबर में जा छिपा जबकि दूसरा सांप एक नाली के जरीये छात्रावास से बाहर निकल गया.
दो घंटे से अधिक देर तक छात्रायें नहीं निकली कमरों से-
रात लगभग 9बजे नज़र आये इन दोनों सांपों की सूचना मिलते ही वार्डन रंजिता तंवर अपने क्वार्टर से वहां पहुंची व हॉस्टल की गार्ड से पूरी जानकारी लेते हुए उच्चाधिकारीयों को मामले की जानकारी दी गयी.इस बीच किसी तरह की अनहोनी ना हो इसको लेकर छात्रावास के कुछ कमरों को खाली करा उनके दरवाज़ों को पूरी तरह पैक कर दिया गया.वार्डन द्वारा सभी छात्राओं को कमरों के भीतर रहने व दरवाज़ों को अच्छि तरह से बंद रखने के लिये भी कह दिया गया.
जिला मुख्यालय से बुलाया गया रेस्क्युअर को-
वार्डन रंजिता तंवर द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला मुख्यालय से वन्यजीव प्रमी मनोज तिवारी को निवाई बुलाया गया.टोंक से पहुंचे तिवारी ने सर्च करते हुए चेंबर में जा छिपे कोबरा सांप का पता लगाते हुए उसे कुछ ही देर में अपने बेग में बंद कर लिया.
सांप पकड़े जाने के बाद स्टाफ व छात्राॆऐं हुई भयमुक्त-
कोबरा सांप को पकड़े जाने के बाद स्टाफ व छात्रायें पूरी तरह भयमुक्त नज़र आयीं.छात्राओं का कहना था कि आवासीय विद्यालय का परिसर बहुत बड़ा होने के चलते यहां मानसून में अक्सर सांप बाहर की ओर रेंगते नज़र आ जाते हैं लेकिन छात्रावास के भीतर कोबरा सांपों के आने की यह पहली घटना है लिहाजा डर लगना स्वाभाविक है.
तेज़ गर्मी के चलते सांप तलाश करते हैं ठंडी जगहों की-
वन्य जीव प्रेमी मनोज तिवारी ने बताया कि तेज़ गर्मी के चलते सांप ठंडी जगहों को तलाशना शुरू कर देते हैं.वे ऐसी जगहें तलाशते हैं जहां वे आसानी से छिप सकें व छोटे मोटे जीव जंतुओं का शिकार कर सकें.
कोबरा सांप विश्व की दस विषैली प्रजाति वाले सांपों में है शुमार-

मनोज तिवारी ने बताया कि कोबरा सांप विश्व के दस सर्वाधिक विषैले सांपों में से एक है लिहाजा उनके नज़र आने पर सावधानी बरतना ज़रूरी है.कोबरा सांप व अन्य सांप का दंश होने पर टोने टोटके की जगह सबसे पहले नज़दीकी अस्पताल में उपचार लेना बेहद आवश्यक है.देरी होने पर कोबरा सर्प के दंश पीड़ित की जान जाने का ख़तरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है.
