टोंक जिले कई के तालाब हैं देशी-विदेशी परिंदों से गुलज़ार

वन विभाग द्वारा पक्षी प्रेमियों व पक्षी विशेषज्ञों की मदद से 13 जलस्रोतों पर एशियन बर्ड सेंसस 2024 का कार्य किया गया।

Sameer Ur Rehman
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Tonk News। शीत ऋतु के आगमन के साथ ही जिले के कई तालाबों में देशी व विदेशी परिंदों के आगमन से गुलज़ार होना शुरू हो जाते हैं.ख़ास बात यह कि ये परिंदें बसंत ऋुतु के आगमन या उसके बाद भी यहां मिलने वाले पर्याप्त भोजन के चलते डेरा जमाये रखते है.इन्हीं देशी विदेशी परिंदों की मौजूदगी को सूचीबद्ध करने के लिये इस बार वन विभाग द्वारा पक्षी प्रेमियों व पक्षी विशेषज्ञों की मदद से 13 जलस्रोतों पर एशियन बर्ड सेंसस 2024 का कार्य किया गया।

31जनवरी से फरवरी तक चले इस सेंसस के तहत प्रदेश के जाने माने पक्षी विशेषज्ञ एमएल मीणा,पूर्व वन्य जीव प्रतिपालक राजस्थान,देवेंद्र भारद्वाज,पक्षी विशेषज्ञ व पूर्व उप वन संरक्षक,प्रख्यात बर्ड वॉचर व छायाकार किशन मीणा,

प्रख्यात पक्षी विशेषज्ञ व प्रकृति प्रेमी अमित कोटिया,पक्षी विशेषज्ञ डॉ0श्वेता क्षौत्रिय व प्रकति प्रेमी मनोज तिवारी ने वनकर्मियों के साथ मिलकर अलग अलग जलस्रोतों में मौजूद देशी विदेशी परिंदों का डाक्यूमेंटेशन किया ।

वहां मौजूद लोगों को पक्षियों की पहचान व मानव जीवन में उनके महत्व के बारे में जागरूक किया.अलग अलग जलस्रोतों पर किये गये सेंसस के दौरान जहां देशी व विदेशी परिंदों की बड़ी संख्या में मौजूदगी दर्ज की गयी वहीं लगभग लगभग 30 प्रजाति के परिंदों को सूचीबद्ध किया गया.

भरनी के मॉडल तालाब पर मनाया गया वर्ड वेटलेंड डे भी-

टोंक जिले में सर्वाधिक देशी विदेशी परिंदों की पसंद बन चुके भरनी गांव के मॉडल तालाब पर वर्ड वेटलेंड डे का आयोजन किया गया.वन विभाग व दादू दयाल पर्यावरण संस्थान रानीपुरा द्वारा संयुक्तरूप से रखे गये इस आयोजन में उपवन संरक्षक मरिय शाईन ए.,वन रेंज देवली के रेंजर गौरव राठी,गौरैया संरक्षण अभियान चला रहे ।

शिवराज कुर्मी,पर्यावरणविद् महावीर मीणा,पर्यावरणप्रेमी नूर मोहम्मद कलंदर भगवान जाट,सत्यनारायण धाकड़,लोकेश मीणा,शंकर लाल व आसिफ ख़ान ने मौजूद छात्र छात्राओं को तालाब में नज़र आये देशी व विदेशी परिंदों के बारे में जानकारी दी.

यहां विशेषज्ञ के रूप में मौजूद रहे एमपी मीणा,देवेंद्र भारद्वाज व मनोज तिवारी ने वेट लेंट का मनुष्य व पक्षियों के महत्व बताते हुए विद्यार्थियों को विदेशी परिंदों की पहचान के बारे में जानकारी दी.

30 से ज्यादा प्रजाति के परिंदे आये नज़र-

भरनी,अन्नपूर्णा,सजिया,सरौली,भीखापुरा,टोरडी सागर,नेगड़िया सहित लगभग 17स्थानों पर किये गये सेंसस में फ्लेमिंगो,नदर्न शावलर,नदर्न पिन टेल,यूरिशियन विगन,केस्पियन गुल,गॉडविन,ब्रॉंच विंग्ड जकाना,परपल स्वनफेन,कॉमन पॉचार्ड,कॉमन ग्रीन शेंक,नॉब बिल्ड डक,ग्रेगनी जैसे विदेशी परिंदों के अलावा कई लॉकल माईग्रेटरी बर्ड्स भी नज़र आये.

पक्षी विशेषज्ञ बोले जिले के लिये शुभ संकेत-

भले ही इस वेट लेंड बर्ड सेंसस में जिले का शुभंकर पक्षी बार हैडेड गूज़ नज़र नहीं आया हो लेकिन डीसीएफ मरिय शाईन ए,एमएल मीणा,देवेंद्र भारद्वाज,किशन मीणा,मनोज तिवारी व महावीर मीणा का मानना है कि भरनी व रानीपुरा नया गांव का छिछला पानी देशी विदेशी परिंदों के लिये शानदार प्राकृतिक आवास सिद्ध हो रहे हैं.शाईन ने कहा कि इन सभी वेट लेंड्स को संरक्षित व स्वच्छ बनाये रखना सभी की पहली जिम्मेदारी होनी चाहिये.

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/