टोंक। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ऋण योजनाओं के माध्यम से स्वरोजगार या उसमें वृद्धि करने, विद्यार्थियों के उच्च शिक्षा ग्रहण करने में जरूरतमंदों की सहायता कर रहा है। इन ऋण योजनाओं से लाभार्थी न केवल अपने जीवन में नए मुकाम हासिल कर रहा है, बल्कि अपने परिवार के जीवन स्तर को बेहतर बना पाने में भी सहयोग कर पा रहा है।
अल्पसंख्यक विभाग की व्यवसायिक ऋण योजना के तहत मन्जू जैन पत्नि रमेश चन्द जैन निवासी महावीर चौक, पुरानी टोंक में रेडिमेड गारमेन्टस का व्यवसाय करती है।
इस गारमेन्टस व्यवसाय को बढाने के लिए मन्जू को लगभग 2.50 लाख रूपये की आवश्यकता थी। लेकिन उसके पास इतनी रकम नहीं थी कि वह अपने गारमेन्टस व्यवसाय को आर्थिक मजबूती प्रदान कर सके। मन्जू को सरकार की अल्पसंख्यक विभाग की व्यवसायिक ऋण योजना की जानकारी होने पर उसने स्थानीय कार्यालय में सम्पर्क कर योजना के बारे में जाना।
मन्जू द्वारा इस योजना में लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन करने पर रेडिमेड गारमेन्टस् के व्यवसाय के लिए 2 लाख 66 हजार का ऋण स्वीकृत किया गया। जिससे मन्जू जैन को अपने छोटे से व्यवसाय को बढ़ाने में आर्थिक सहायता प्राप्त हुई और उनकी आय में भी वृद्धि हो सकी। वर्तमान में मन्जू जैन प्रत्येक माह 15000 से 20000 रु. की आय प्राप्त कर रही है और महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी हुई है।
अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी,टोंक ने बताया कि व्यवसायिक ऋण योजना के अधीन किसी भी व्यवसाय रोजगारोन्मुखी एवं तकनीकी रुप से व्यवहार्य उद्यम को सामान्य ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है। ऋण के लिए महिला एवं बी.पी.एल. वर्ग की प्राथमिकता दी जाती हैं। पुरुष ऋणी द्वारा समय पर ऋण चुकाने पर 02 प्रतिशत ब्याज एवं महिला ऋणी को सर्म्पूण ब्याज माफ किया जाता हैं। ऐसी महिलाएं जो अपने पुराने व्यवसाय को बढाने एवं नवीन व्यवसाय प्रारम्भ करने के लिए इस ऋण योजना का लाभ ले सकती हैं।
इसी तरह शिक्षा ऋण योजना के तहत लाभार्थी मतीन अहमद पुत्र मुबीन अहमद निवासी सिंधियों के मन्दिर के पास काफला बाजार,टोक में निवास करता है। विद्यार्थी बहुत ही गरीब परिवार से है जिनके पिता एक छोटी सी दुकान लगाकर सिलाई का कार्य करते है। छात्र द्वारा बीटेक (सिविल इंजिनियरिंग) के पाठ्यक्रम के लिए जयपुर के कॉलेज में प्रवेश लिया गया था। छात्र ने चार वर्ष के कोर्स में दो वर्ष की पढाई की फीस अन्य स्त्रोतो से जमा करा दी थी किन्तु छात्र मतीन अंतिम दो वर्षो की फीस जमा कराने में असमर्थ था।

फिर मतीन द्वारा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में शिक्षा ऋण के लिए आवेदन किया गया। छात्र को अंतिम दो वर्षो की फीस जमा कराने के लिए 77 हजार रूपऐ का ऋण स्वीकृत किया गया। इससे छात्र मतीन ने बीटेक उत्तीर्ण कर डिग्री प्राप्त की। वर्तमान में मतीन उत्तर प्रदेश में एक प्राईवेट कंपनी में जॉब कर प्रतिमाह 30 हजार रुपये प्राप्त कर अपना एवं अपने परिवार को जीवन-यापन कर रहा हैं।
सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय,टोंक
सफलता की कहानी