टोंक (फ़िरोज़ उस्मानी)। ज़िला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा विभाग का शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान टोंक में इसके उलट चल है,अशुद्ध आहार, मिलावटखोरों पर मेहरबान बना हुआ है। अभियान खानापूर्ति बन कर रह गया है,मिलावटखोरों पर कार्रवाई के नाम पर खाद्य वस्तुओं के केवल सेम्पल लेकर दिखावा किया जा रहा है।
हैरत की बात तो ये है कि जयपुर टीम की कार्रवाई में निवाई में बने नकली तेल के ब्रांड पकड़े जा रहे है।। लेकिन टोक खाद्य विभाग को इसकी भनक तक नही है।। इससे साफ जाहिर होता है कि खाद्य विभाग की सरपरस्ती में मिलावटखोरी का धंधा चल रहा है।
ज़िलें में मिलावटी मावा समेत मिलावटी खाद्य पदार्थ खूब धड़ल्ले से बिक रहा है,,दुकानदार मिलावटी मावा से बनी मिठाईयां बेच कर आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे है। ऐसा ही एक मिलावटी मावा का मामला सामने आया है, जहां मिलावटी मावा से बना खाना खाकर पूरी बारात को फ़ूड प्वाइजनिंग हो गई,, करीब 150 लोग नकली मावा सेवन से अस्पताल पहुँच गए,,लोगों को उल्टी दस्त पेट दर्द का शिकार होना पड़ा,
दो लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ गए,जिन्हें अजमेर अस्पताल में रैफर किया गया है,,कार्रवाई के नाम पर अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम मावा,तेल,घी के सेम्पल ले रही है,इसे जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा,, सेम्पल रिपोर्ट आने में समय लग जाएगा,तब तक मामला शान्त कर दिया जाएगा,,कार्रवाई के नाम पर स्वास्थ्य विभाग लीपापोती कर देगा,,,
सब कुछ सेट है
खाद्य विभाग में बरसों से एक अधिकारी का ही राज चल रहा है,,जिससे ज़िलें के सभी दुकानदार वाकिफ़ है। मिलावटखोरों को खुली छूट दी हुई है,त्यौहारों के समय दिखावे के लिए छोटी मोटी कार्रवाई कर खानापूर्ति कर दी जाती है। बकायदा मिलावटखोरों को सपोर्ट किया जा रहा है,इन अधिकारियों के इसी रवैये के चलते मिलावटखोर आमजन की सेहत से खिलवाड़ कर रहे है।।