Udaipur News। जनता यह समझ ही नहीं पा रही है कि चुनाव हुए तब कोरोना का डर नहीं था, चुनावी सभाएं थीं तब भी कोरोना का डर नहीं था, मतगणना भी हो गई तब भी कोरोना का डर नहीं था, लेकिन ‘कोरोना’ शादियों की तरफ रुख कैसे कर जाता है। और ‘कोरोना का डर’ भी आम आदमी की शादियों की तरफ रुख करता है, शाही शादियों में जाने की उसकी हिम्मत नहीं है। यही कारण है कि आम आदमी की शादी में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य है, फिल्मी सितारे और उनके परिवार कोरोना प्रूफ होते हैं।
जी हां, बुधवार शाम को उदयपुर जिले के सलूम्बर में एक परिवार पर बिन्दोली निकालने में संख्या को गिन-गिन कर 25 हजार रुपये का चालान काटने पर यह सवाल जनता के बीच चर्चा में हैं। लोग असमंजस में हैं और पूछ रहे हैं कि कल कई जगह लोग एकत्र भी हुए और जीतने वाले प्रत्याशियों के समर्थन में पटाखे भी फोड़े, इससे पहले चुनावी सभाओं में तो शादी की सीमा से ज्यादा लोगों की भीड़ रही, लेकिन वहां गिनती करने कोई नहीं पहुंचा और अब चुनाव समाप्त होते ही सरकार को चिंता हो गई है कि कोरोना शादियों की तरफ रुख न कर ले।
सलूम्बर में जिस शादी पर कार्रवाई की गई, उसके जो वीडियो वायरल हुए हैं उनमें लगभग सभी परिवारजनों ने मास्क लगाए हुए हैं, जबकि उदयपुर में बुधवार को ही एक आलीशान होटल में हो रही फिल्मी सितारों की शादी के वायरल फोटो में किसी के चेहरे पर मास्क नजर नहीं आया। जनता इसी असमंजस में है कि शायद आम आदमी की शादी में ही मास्क जरूरी है, फिल्मी सितारे और उनके परिवार तो कोरोना प्रूफ होते होंगे।