Udaipur News। हमारे देश ने न जाने कितने ही संकट झेले, कई युद्ध देखे, कई समस्याओं से हम जूझे, लेकिन दीपावली का दीया कभी नहीं बुझने दिया। जनाब, हमारे यहां तो दीपावली पर किसी का स्वर्गवास हो जाए तब भी उस घर में पड़ोसी दीया प्रज्वलित करने जाते हैं। हमारा देश आशाओं का धनी है, स्वयं भी संभलता है और संकटग्रस्त कोई शरण में आ जाए तो उसकी समस्या को भी अपना समझ कर उससे उसे उबारने का जीवट करता है।
भले ही कम उल्लास ही सही, लेकिन दीपावली तो दीपावली है, अपनों के साथ खुशी का दीया जो जगमगाएगा, थोड़ा ही सही, पर मुंह तो मीठा होगा ही। यही वजह है कि कोरोना महामारी के साये में भी बाजारों में रंगरोगन की दुकानों पर खरीदी हो रही है, समाजों में सुरक्षित तरीके से बनाई जा रही मिठाइयों की बुकिंग हो रही है, कुम्हार का चाक भी घूम रहा है, माटी की लक्ष्मीमाता भी तैयार हो रही हैं, नई मटकियां भी सज रही हैं, परिवार का सदस्य माने जाने वाले गोधन को सजाने की भी तैयारी हो रही है, ज्यादा नहीं पर जरूरी घरेलू सामान की खरीदी भी हो रही है, यह सब कुछ हो रहा है मास्क लगाकर, आपस में बातचीत हो रही है पर दूरी रखते हुए, सेनिटाइजर पर्स में भी मौजूद है और दुकानदार के पास भी, आखिर कोरोना का डर आपको भी है और सामने वाले को भी, संभलना जरूरी है और दीपावली का उजास भी। हर व्यक्ति अपने-अपने स्तर पर सावधानी बरतते हुए अपनी-अपनी दीपावली के उजास की तैयारी में जुटा है।