उदयपुर । राजस्थान की मुख्यमंत्री महिला है फिर भी एक महिला को सड़क पर ही प्रसव हुआ । प्रदेश के लिए शर्म की बात है ओर सरकार की झूठी योजनओं का मालूम चलता है ।क्या ऐसे सत्ता मैं वापसी करेंगे । कल उदयपुर मैं प्रदेश के आदिवासी इलाकों में सरकार की योजनाएं कितनी कारगर हैं । यह देखने को मिला । बहुत ही शर्मनाक नजारा रविवार को उदयपुर जिले में देखने को मिला। करोड़ों रुपए खर्च करके चलाई जा रही जननी सुरक्षा योजना को धत्ता बताते हुए 108 एम्बुलेंस सूचना के बावजूद करीब दो घंटे तक प्रसूता तक नहीं पहुंची। एम्बुलेंस का इंतजार करते करते आखिरकार चिलचिलाती धूप में महिला का खुले में सड़क पर ही प्रसव हो गया । सरकारी योजनाओं का यह शर्मनाक सच है उदयपुर जिले के टीडी क्षेत्र के सेरा ग्राम पंचायत के गांव काड़ाफला निवासी बद्रीलाल की पत्नी नानूड़ी के प्रसव होने वाला था। परिजनों की मानें तो नानूड़ी के प्रसव की स्थिति को देखते हुए 108 एम्बुलेंस को सूचित कर दिया था। चूंकि गांव पहाड़ों में हैं, लिहाजा वहां तक साधन नहीं पहुंचते हैं। इसलिए परिवार की महिलाएं और अन्य लोग नानूड़ी को झौले में डालकर करीब तीन किलोमीटर दूर संपर्क सड़क पर ले आए. वहां फिर नानूड़ी की स्थिति को देखते हुए एम्बुलेंस को फोन किया। साधन के अभाव में एम्बुलेंस का इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं था। इस दौरान नानूड़ी मारे दर्द के सड़क पर कहराती रही। आखिरकार एम्बुलेंस नहीं आई तो साथ आई महिलाओं ने करीब डेढ़ बजे खुले में सड़क पर ही नानूड़ी का प्रसव कराया। उसके भी काफी देर बाद तक नानूड़ी वहीं सड़क पर नीचे लेटी रही। करीब ढाई घंटे के इंतजार के बाद एम्बुलेंस पहुंची और प्रसूता को अस्पताल लेकर रवाना हुई।