टोंक को मिलेगा नलकूप का पानी, जलदाय मंत्री ने बताया पेयजल का प्लान

Reporters Dainik Reporters
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जयपुर
राज्य में पेयजल की व्यवस्था के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है और इसमें कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। राज्य के बांधो की स्थिति दयनीय है। पाली के जवाई बांध में 20 अगस्त और बीसलपुर में 31 अगस्त तक का पानी है। सरकार  ने पेयजल के लिए वैकल्पिक इंतजाम किए हैं। यह बात राज्य विधानसभा में गुरूवार को प्रदेश में पेयजल की स्थिति पर सरकार की ओर से वक्तव्य देते हुए जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने कही।
आगामी योजना बताते हुए उन्होंने कहा कि नहरी क्षेत्र के जिलो में नहर से पानी दिया जाएगा साथ ही चम्बल नदी पर आधारित जिलो में चम्बल और नर्बदा नदी पर आधारित जिलो में नर्बदा का पानी पहुंचाया जाएगा। सिरोही जिले को माउण्ट आबू से पानी दिया जाएगा वहीं नाथद्वारा को नंदसमंद झील से पानी पहुंचाया जाएगा।
बीसलपुर बांध में पानी 31 अगस्त तक का है इसके बाद जयपुर, अजमेर और टोंक जिले के वैकल्पिक इंतजाम किए जा रहे हैं। जयपुर में 115 करोड की योजना बनाई गई है। अजमेर जिले के लिए 46 नलकूप व 440 हैंडपंप के लिए 10.81 करोड की राशि स्वीकृत है। जरूरत पडी को भीलवाडा से रेल के माध्यम से पानी पहुंचाया जाएगा। दौसा के लिए बाणगंगा नदी में नलकूप बनाकर पानी दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष जनवरी से अब तक लगभग 4420 नए हैंडपंप और 1907 नये नलकूप खोदे गए हैं। इसके अलावा 830 हैंडपंप एवं 700 नलकूप का निर्माण भी करवाया जा रहा है जो 15 दिनों में पूरे हो जाएंगे। राज्य में पेयजल के लिए हैंडपंपों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।
अप्रैल से ही हैंडपंप मरम्मत अभियान शुरू कर अब तक शहरों में 13 हजार 155 और ग्रामीण इलाकों में 81हजार 258 हैंडपंप चालू किए जा चुके हैं। फिलहाल 3हजार 797 गांव व ढाणियों में 1 हजार 110 टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है। पेयजल व्यवस्था सुचारू रखने के लिए 184.34 करोड़ के कार्य शुरू हुए थे जिसमें 80 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है।
बारिश की स्थिति पर जलदाय मंत्री ने बताया कि अब तक प्रदेश में 187.53 मिली बारिश हुई है जबकि 209.94 मिली बारिश होनी चाहिए थी। राज्य के 15 जिलो बीकानेर, अलवर, बारां, दौसा, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, जोधपुर, पाली, बाडमेर, जैसलमेर, जालौर, सिरोही, नागौर, जयपुर और टोंक में 20 से 60 प्रतिशत तक कम बारिश हुई है।
कम वर्षा के कारण विभाग ने सभी जिला अधिकारियों को अविलम्ब 3 चरणों में आकस्मिक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में अगस्त तथा सितम्बर में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए जल परिवहन चालू रखने पर जोर दिया जा रहा है। दूसरे चरण में सितम्बर के पहले सप्ताह में मानसून की स्थिति का पुन: अवलोकन कर आवश्यकतानुसार कार्य योजना बनाई जाएगी।
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