टोंक (फ़िरोज़ उस्मानी)।टोंक मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है। मुख्य रूप से बिजली पानी की समस्या से आमजन परेशान है,हालात इतने खराब है कि अधिकारी नेता और ज़िला प्रशासन तक की नही सुन रहे है। जलदाय मंत्री कन्हैयाल चौधरी, विधायक सचिन पायलट,ज़िला कलक्टर तक फेल हो गए है।
टोंक ज़िलें में पिछले 2 माह से पेयजल की किल्लत बनी हुई है,आमजन के घरों में पीने का पानी मुहैया नही हो रहा है। हालात बद से बदतर हो गए है,लेकिन कोई सुध लेने वाला नही है। इसके साथ साथ आमजन इस भीषण गर्मी में अघोषित बिजली कटौती से भी परेशान है। आमजन की शिकायतों को कर्मचारियों से लेकर अधिकारी तक नही सुनते है।
जलदाय मंत्री भी फेल
जबकि जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी टोंक ज़िलें के मालपुरा विधानसभा क्षेत्र से है,उनके विधानसभा में लोग इसी समस्या से दो-चार है।शहर में कई जगह पेयजल की इतनी किल्लत है कि लोग भारी खर्च कर टैंकर डलवाने पर विवश है।
कलक्टर से भी नही सुधरे हालात,
ऐसा नही है कि प्रशासन कोई सुध नही ले रहा है, ज़िला कलक्टर सौम्या झा कई बार शहर का दौरा कर कॉलोनियों में घूम कर पेयजल सप्लाई देख चुकी है,पेयजल और बिजली की समस्या निवारण के लिए कंट्रोल रुम भी स्थापित किया गया है,संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों को पाबंद भी कर दिया है,बावजूद इसके हालात नही सुधर रहे है।
कंट्रोल रूम पर कोई फोन अटेंड नही करता है,अगर कोई फोन उठा भी ले तो समस्या का हल नही निकल पाता है। अधिकारियों कर्मचारियों को जिला कलक्टर तक का भी ख़ौफ़ इसलिए नही है कि कार्य मे लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कोई उचित कार्रवाई नही हो रही है। कुल मिलाकर टोंक का पुरसान-ए-हाल (हित चिंतक) कोई नही है।